स्वास्थ्य

इन 16 बीमारियों की जड़ है मोटापा

Obesity related diseases : एक ताजा अध्ययन से यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का वजन जरूरत से ज्यादा होता है, खासकर जिन्हें बहुत अधिक मोटापा होता है, उन्हें कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इन बीमारियों में सबसे आम हैं – नींद के दौरान सांस रुकना (स्लीप एप्निया), टाइप 2 डायबिटीज और फैटी लिवर।

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Apr 08, 2025
Common Diseases Caused by Obesity

Common Diseases Caused by Obesity : मोटापा अब केवल शरीर की बनावट या आत्मविश्वास का मामला नहीं रहा। यह सीधे हमारे स्वास्थ्य पर वार कर रहा है। एक हालिया अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है – अत्यधिक मोटापा (Obesity) 16 आम लेकिन गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।

गंभीर मोटापा आखिर होता क्या है? (What is obesity)

जब किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 40 या उससे अधिक हो, या फिर 35 से ऊपर हो और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हों, तो इसे क्लास 3 मोटापा या गंभीर मोटापा (Obesity) कहा जाता है। यह स्थिति हमारे शरीर के हर कोने पर असर डाल सकती है – दिल से लेकर जोड़ों तक।

जब किसी व्यक्ति का बीएमआई (Body Mass Index)

  • 40 या उससे ज्यादा होया
  • 35 से ऊपर होते हुए साथ में कोई बीमारी भी हो

तो उसे ‘गंभीर मोटापा’ या ‘क्लास 3 मोटापा’ कहा जाता है।

ये स्थिति शरीर के लिए बहुत खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि इससे शरीर के कई अंगों पर दबाव बढ़ जाता है और बीमारियां पनपने लगती हैं।

Lancet Report On Obesity: मोटापा भारत में एक गंभीर समस्या बनी

अध्ययन में क्या पाया गया?

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 2.7 लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि मोटापा (Obesity) जितना ज्यादा, बीमारियों का खतरा उतना ही अधिक। जैसे-जैसे लोगों का वजन बढ़ा, वैसे-वैसे 16 बीमारियों के मामले भी बढ़ते गए।

कौन-कौन सी हैं ये 16 बीमारियां? (Common Diseases Caused by Obesity)

- उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर)

- टाइप 2 डायबिटीज

- खून में फैट का असंतुलन (डिस्लिपिडेमिया)

- हार्ट फेलियर

- अनियमित दिल की धड़कन

- दिल की नसों की बीमारी (एथेरोस्क्लेरोटिक डिज़ीज)

- क्रोनिक किडनी डिजीज

- पल्मोनरी एंबोलिज्म (फेफड़ों में खून का थक्का)

- डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (टांगों की नसों में खून का थक्का)

- गाउट (जोड़ों में यूरिक एसिड)

- फैटी लिवर

- पित्त की पथरी

- स्लीप एप्निया (नींद में सांस रुकना)

- दमा (अस्थमा)

- गैस्ट्रिक रिफ्लक्स (पेट में जलन, अम्लता)

- ऑस्टियोआर्थराइटिस (हड्डियों और जोड़ों की समस्या)

सबसे ज्यादा खतरा किनसे?

इस अध्ययन में पाया गया कि सबसे मजबूत संबंध इन 3 बीमारियों से था:

स्लीप एप्निया

टाइप 2 डायबिटीज

फैटी लिवर

अब क्या करें? – सुझाव और समाधान

वैज्ञानिकों का कहना है कि गंभीर मोटापे की समस्या को नजरअंदाज करना अब मुमकिन नहीं। इसके लिए समय रहते:

स्वस्थ खान-पान

नियमित व्यायाम

मेडिकल जांच

और समझदारी भरे जीवनशैली के फैसले लेना जरूरी है।

नीति-निर्माताओं के लिए चेतावनी

यह अध्ययन न केवल आम लोगों को सावधान करता है, बल्कि नीति-निर्माताओं को भी चेताता है कि समय रहते अगर मोटापे पर काबू न पाया गया, तो यह आने वाले वर्षों में एक स्वास्थ्य आपदा का रूप ले सकता है।

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