3 minute Japanese walking : जापान की नई फिटनेस ट्रेंड इंटरवल वॉकिंग टेक्नीक तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इसमें 3 मिनट तेज और 3 मिनट धीमी चाल से चलने का पैटर्न अपनाया जाता है। यह तरीका दौड़ने से ज्यादा फैट बर्न करता है, ब्लड प्रेशर कम करता है और स्टैमिना बढ़ाता है।
Japanese walking : आज के टाइम में लोग अपना मोटापा कम करने के लिए हर तरकीब अपना रहें हैं। कई लोगों का तो ये मानना है कि वजन घटाने या फैट बर्न करने के लिए दौड़ना ही जरूरी है। लेकिन ये सिर्फ एक भ्रम है। दरअसल, जापान की एक नई फिटनेस टेक्नीक इस सोच को बदल रही है। इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग (Interval Walking Training) नाम की यह वॉकिंग स्टाइल जापान की शिनशू यूनिवर्सिटी (Shinshu University) के प्रोफेसरों ने तैयार की है। यह तरीका अब दुनियाभर के फिटनेस एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि कहा जा रहा है कि यह चलने का तरीका दौड़ने से ज्यादा फैट बर्न करता है।
साधारण चलने की बजाय इस तकनीक में तेज और धीमी चाल का बारी-बारी से इस्तेमाल किया जाता है। इसे आसान शब्दों में ऐसे समझिए, 3 मिनट तेज चाल में चलना, 3 मिनट धीमी चाल में चलना, इस पूरे चक्र को करीब 30 मिनट तक दोहराना। यानी कि न तो पूरे समय तेज चलना है और न ही बहुत धीरे। इस उतार-चढ़ाव वाली चाल से शरीर के दो सिस्टम, एरोबिक और एनएरोबिक दोनों एक्टिव हो जाते हैं। इससे फैट बर्निंग तेज होती है और हृदय की सेहत (कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ) भी सुधरती है।
इस वॉकिंग पैटर्न के दौरान जब आप तेज कदमों से चलते हैं, तो आपकी हार्ट रेट बढ़ती है और शरीर ज्यादा कैलोरी बर्न करता है। वहीं, जब आप धीरे चलते हैं, तो शरीर को रिकवरी का समय मिलता है लेकिन मेटाबॉलिज्म फिर भी ऊंचा बना रहता है।
इसे आफ्टरबर्न इफेक्ट (EPOC) कहा जाता है। इसका मतलब, वॉक खत्म होने के बाद भी शरीर घंटों तक कैलोरी बर्न करता रहता है। इसके अलावा, यह टेक्नीक शरीर के माइटोकॉन्ड्रिया (energy-producing cells) को एक्टिव करती है, जिससे स्टैमिना और फैट मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
शिनशू यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी के अनुसार, जो लोग 5 महीने तक इंटरवल वॉकिंग करते रहे, उनका 3 से 5 किलो तक फैट कम हुआ। वहीं, जो लोग सामान्य चाल से चलते थे, उनके शरीर में ज्यादा फर्क नहीं दिखा। एक और स्टडी में पाया गया कि बुजुर्गों ने जब 10 साल तक यह टेक्नीक अपनाई, तो उन्हें उम्र से जुड़ी फिटनेस की परेशानियों से काफी हद तक राहत मिली। इसके अलावा, इस वॉकिंग से ब्लड प्रेशर और VO₂ मैक्स (ऑक्सीजन क्षमता) में भी सुधार देखा गया।
यह टेक्नीक लगभग सभी के लिए सुरक्षित और आसान है। जो लोग शुरुआत कर रहे हैं, जिनकी उम्र ज़्यादा है या जो लंबे समय से बैठे-बैठे जीवनशैली में हैं, उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, अगर आपको दिल की बीमारी, बहुत अधिक ब्लड प्रेशर या जोड़ों में दर्द जैसी समस्या है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।