Cold drink effects on lungs नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा की गई एक अध्ययन में 986 व्यक्तियों का विश्लेषण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि 65 लोगों में कोल्ड ड्रिंक के सेवन से अस्थमा के लक्षण विकसित हुए। इसके अतिरिक्त, 2015 में किए गए एक अन्य अध्ययन में यह देखा गया कि फलों के रस और कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने वाले बच्चों में भी अस्थमा के लक्षण प्रकट हुए।
Cold drink effects on lungs : आज के समय में कोल्ड ड्रिंक हर कोई पीने लगा है वह चाहे बच्चा हो या बूढ़ा सब इसके दिवाने है। आजकल तो लोग इसको पीने को खुद रूतबा समझते है। गर्मी के मौसम में तो इसकी तादाद और भी ज्यादा बढ़ जाती है। लेकिन क्या आपको पता है यह हमारे स्वास्थ्य को किस कदर नुकसान पहुंचा रही है।
कोल्ड ड्रिंक (Cold drink effects on lungs) का सेवन हमें वेटगेन और डायबिटीज के खतरे की और दखेल रहा है साथ ही यह हमारे लंग्स के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रहा है। नियमित रूप से कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन करने से कोल्ड ट्रिगर में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप खांसी, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा के अन्य लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक (Cold drink effects on lungs) का सेवन करने से फेफड़ों की क्षमता में कमी आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति को बार-बार सांस फूलने और खांसी की समस्या का सामना करना पड़ता है। वास्तव में, कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाले रासायनिक तत्व और फ्रुक्टोज की अधिकता फेफड़ों में सूजन को बढ़ावा देती है, जिससे ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कोल्ड ड्रिंक्स (Cold drink effects on lungs) पीने से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) का खतरा बढ़ जाता है। यह फेफड़ों और हवा को नुकसान पहुंचाता है। इससे एयरफ्लो ब्लॉक होने से कफ, घबराहट, थकान और सीने में जकड़न बढ़ जाती है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को कफ के साथ म्यूकस की भी समस्या रहती है। समय पर इलाज करने से इस समस्या के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
लंबे समय तक ठंडा पानी या कार्बोनेडिट ड्रिंक्स पीने से लंग्स की फंक्शनिंग 10 से 15 मिनट तक स्लो हो जाती है। साइंस डायरेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 1000 एमएम ठंडा पानी पीने से फोर्सड वाइटल कपेसिटी (forced vital capacity) 5% कम हो जाती है। रोज़ाना ठंडा पीने से गले में दर्द होता है, जो सूखी खांसी का भी कारण है। वहीं ठंडे पानी से नोज़ रनिंग और नाक बंद होने की समस्या बढ़ जाती है।
ठंडे कार्बोनेटिड ड्रिंक्स (Cold drink effects on lungs) का सेवन करने से रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इससे अस्थमा का संकेत मिलता है। इससे खांसना और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। साथ ही खांसने पर थिक म्यूकस बढ़ जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार शुगर ड्रिंक्स खाने से अस्थमा, घरघराहट और डायबिटीज़ हो सकता है।