स्वास्थ्य

वजन घटाने के साथ डायबिटीज और Cancer से बचाएगी ये दवा? 16 लाख लोगों की स्टडी का दावा

Weight loss Drugs and Cancer Risk: नई रिसर्च में सामने आया है कि GLP-1 वजन घटाने और डायबिटीज की दवाएं कुछ मोटापे से जुड़े कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं। जानिए किन कैंसर में फायदा और किन में नहीं।

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Dec 17, 2025
Weight loss Drugs and Cancer Risk (Photo- freepik)

Weight loss Drugs and Cancer Risk: आजकल वजन घटाने और ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए इस्तेमाल होने वाली GLP-1 दवाओं (जैसे सेमाग्लूटाइड आदि) पर खूब चर्चा हो रही है। अब 2024 में JAMA Network Open में छपी एक बड़ी स्टडी ने इसमें एक नया पहलू जोड़ दिया है, क्या ये दवाएं मोटापे से जुड़ी कुछ कैंसर का खतरा भी कम कर सकती हैं? इसका जवाब है, कुछ मामलों में हां, लेकिन हर जगह नहीं।

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स्टडी का असली मकसद क्या था?

रिसर्चर्स ने ऐसे 13 तरह के कैंसर पर ध्यान दिया, जिनका सीधा रिश्ता मोटापे से माना जाता है। इनमें आंत (कोलन), लिवर, पैंक्रियाज, किडनी, गर्भाशय जैसे कैंसर शामिल थे। सवाल सीधा था, टाइप-2 डायबिटीज वाले लोग अगर GLP-1 दवाएं लें, तो क्या उन्हें ये कैंसर इंसुलिन या मेटफॉर्मिन लेने वालों से कम होते हैं? इसके लिए अमेरिका के 16 लाख से ज्यादा डायबिटीज मरीजों के हेल्थ रिकॉर्ड देखे गए, जिन्हें 15 साल तक फॉलो किया गया। शुरुआत में किसी को भी ये कैंसर नहीं था।

सबसे मजबूत नतीजे: GLP-1 बनाम इंसुलिन

जब GLP-1 दवाओं की तुलना इंसुलिन से की गई, तो फर्क साफ दिखा। 13 में से 10 कैंसर में GLP-1 लेने वालों का खतरा कम था। गॉलब्लैडर कैंसर का रिस्क लगभग 65% कम था। पैंक्रियाज कैंसर का खतरा आधे से भी कम देखने को मिला। लिवर और दिमाग की एक गांठ (मेनिंजियोमा) में भी अच्छा फर्क दिखा। इससे ये संकेत मिलता है कि डायबिटीज का इलाज कौन-सी दवा से किया जा रहा है, इसका असर लंबे समय में कैंसर रिस्क पर भी पड़ सकता है।

जहां फायदा नहीं दिखा

हर जगह अच्छी खबर नहीं थी। पोस्टमेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर और थायरॉइड कैंसर में GLP-1 दवाओं से कोई खास फायदा नहीं दिखा। पेट के कैंसर में हल्का इशारा मिला, लेकिन पक्का नहीं कहा जा सका। मतलब साफ है, ये दवाएं कोई कैंसर से बचाने वाली जादुई गोली नहीं हैं।

GLP-1 बनाम मेटफॉर्मिन कहानी बदल गई

जब GLP-1 दवाओं की तुलना मेटफॉर्मिन से की गई, तो फायदा लगभग गायब हो गया। किसी भी कैंसर में साफ तौर पर GLP-1 बेहतर नहीं निकली। उल्टा, किडनी कैंसर का खतरा थोड़ा ज्यादा दिखा, जो आगे रिसर्च की मांग करता है। सीधे शब्दों में GLP-1 इंसुलिन से बेहतर लगी, लेकिन मेटफॉर्मिन से नहीं।

ऐसा क्यों हो सकता है?

GLP-1 दवाएं वजन घटाती हैं, सूजन कम करती हैं और इंसुलिन को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करती हैं, ये सब चीजें कैंसर के रिस्क से जुड़ी हैं। वहीं इंसुलिन से वजन बढ़ सकता है और शरीर में इंसुलिन ज्यादा रहता है, जो कुछ ट्यूमर को बढ़ावा दे सकता है। मेटफॉर्मिन अलग तरीके से काम करती है, इसलिए उसका असर भी अलग है।

इस स्टडी का मतलब क्या है?

ये स्टडी संकेत देती है, सबूत नहीं। इससे ये नहीं कहा जा सकता कि GLP-1 दवाएं कैंसर रोकने के लिए ली जाएं। लेकिन इतना जरूर समझ आता है कि टाइप-2 डायबिटीज में दवा का चुनाव सिर्फ शुगर ही नहीं, लंबे समय की सेहत पर भी असर डाल सकता है।

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Published on:
17 Dec 2025 11:10 am
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