
tnbc cancer vaccine photo- gemini AI
Tnbc Cancer Vaccine: ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC) का नाम सुनते ही हर व्यक्ति के मन में एक अजीब-सा डर आ जाता है। ऐसा होना भी जायज है, क्योंकि यह एक खतरनाक प्रकार का कैंसर है। इसमें वे रिसेप्टर नहीं होते हैं, जिन पर सामान्य दवाओं का असर होता है। इसलिए इसका इलाज केवल कीमोथेरेपी से किया जाता है, फिर भी यह कैंसर वापस आ जाता है। हर TNBC मरीज को आशा की एक नई किरण दिखेगी, जब उसे पता चलेगा कि अब वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन 'अल्फा-लैक्टाल्ब्यूमिन' बना ली है। नई दवा से कैंसर कोशिकाओं को हमेशा के लिए समाप्त किया जा सकेगा और यह बीमारी एक बार ठीक होने के बाद दोबारा नहीं होगी।
ग्लोबोकॉन (Globocon 2020) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर 8 मिनट में एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से मरती है। इस हिसाब से ये लाखों महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है।
डॉ. जस्टिन जॉनसन ने बताया कि यह टीका सुरक्षित है और इसने शरीर में प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) को जगाया है, जो एक बहुत जरूरी सफलता है। डॉ. जी थॉमस बड ने भी कहा कि ये नतीजे अल्फा-लैक्टाल्ब्यूमिन वैक्सीन को अगले ट्रायल के लिए आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। क्लीवलैंड क्लिनिक के प्रमुख रिसर्चर डॉ. जी थॉमस बड, एमडी के अनुसार, ट्रिपल-नेगेटिव स्तन कैंसर का इलाज आज भी सबसे मुश्किल है। उन्होंने आगे बताया कि, ये शुरुआती नतीजे आशाजनक हैं। यह टीका न सिर्फ़ सुरक्षित है, बल्कि इसने 74% मरीजों में मज़बूत प्रतिरक्षा शुरू की है।
यह नई वैक्सीन कीमोथेरेपी की तरह कैंसर कोशिकाओं को सीधे खत्म नहीं करती है। इसका मुख्य फोकस रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) को ट्रेनिंग देना होता है ताकि वह कैंसर कोशिकाओं को पहचान सके। यह वैक्सीन कैंसर से ही संबंधित प्रोटीन (एंटीजन) को प्रतिरक्षा कोशिकाओं के सामने पेश करती है, जिससे वे कैंसर के खिलाफ प्रतिक्रिया शुरू कर सके।
इस तरीके ने ऑन्कोलॉजी (कैंसर विज्ञान) में पहले भी मेलानोमा और फेफड़ों के कैंसर के इलाज में बड़े बदलाव लाए हैं। यह वैक्सीन क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ता डॉ. विन्सेंट टूही के काम पर आधारित है। इन्होंने ही अल्फा-लैक्टाल्ब्यूमिन प्रोटीन की खोज की थी, जो स्तनपान के दौरान मौजूद रहता है, पर TNBC ट्यूमर में भी दिखाई देता है।
डॉ. टूही के शुरुआती शोध ने चूहों में वैक्सीन से ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में सफलता प्राप्त की थी। अध्ययन प्रस्तुत करने वाले जस्टिन जॉनसन ने कहा कि यह डॉ. टूही का विचार था कि टीकाकरण स्तन कैंसर से लड़ने का एक नया तरीका पेश कर सकता है। सभी रोगी समूहों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का दिखना इस दृष्टिकोण की बड़ी क्षमता को दर्शाता है कि इससे TNBC कैंसर को हमेशा के लिए जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
चरण 1 (Phase 1 Trial): अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा वित्त पोषित और एनिक्सा बायोसाइंसेज के साथ साझेदारी में आयोजित इस अध्ययन ने सुरक्षा और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का मूल्यांकन किया। कुल 35 प्रतिभागियों को तीन समूहों में नामांकित किया गया था:
चरण 1ए (Phase 1a): पिछले तीन वर्षों के भीतर शुरुआती चरण के TNBC के लिए पहले से इलाज किए गए 26 मरीज शामिल थे, जो वर्तमान में ट्यूमर-मुक्त हैं।
चरण 1बी (Phase 1b): इस चरण में 4 कैंसर-मुक्त व्यक्ति शामिल थे, जो उच्च जोखिम वाले आनुवंशिक उत्परिवर्तन (High-risk genetic mutations) लिए हुए थे और जिन्होंने निवारक मास्टेक्टॉमी (Preventive mastectomy) कराने का विकल्प चुना।
चरण 1सी (Phase 1c): इस चरण में शुरुआती चरण के TNBC वाले 5 मरीज शामिल थे, जिन्होंने प्री-ऑपरेटिव कीमोइम्यूनोथेरेपी, सर्जरी और पेमब्रोलिज़ुमैब प्राप्त किया था, लेकिन फिर भी उनमें अवशिष्ट कैंसर (Residual Cancer) था जिससे उनमें पुनरावृत्ति का अधिक खतरा था।
ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर एक ख़तरनाक कैंसर है, क्योंकि इसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और HER2 जैसे तीन रिसेप्टर नहीं होते हैं। इन रिसेप्टर पर 70% से अधिक ब्रेस्ट कैंसर मरीजों का इलाज निर्भर होता है। इसके अधिकांश मरीजों का इलाज सिर्फ़ कीमोथेरेपी से होता है। शुरुआत में इसका असर रहता है, लेकिन 50% मरीजों में कैंसर कोशिकाओं के अंश बच जाते हैं जो 2 से 5 साल के अंदर वापस आ जाते हैं। फिर से आई कैंसर कोशिकाएं अधिक खतरनाक होती हैं, जो फेफड़ों, लिवर और दिमाग तक फैलकर नुकसान पहुंचाती हैं। वैज्ञानिक इन बची हुई प्रतिरोधी कोशिकाओं को ड्रग-टॉलरेंट परसिस्टर्स (DTPs) कहते हैं।
Published on:
12 Dec 2025 11:12 am
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