
Winter Pee Reason (photo- gemini ai)
Winter Pee Reason: सर्दियों में बार-बार बाथरूम जाना बहुत लोगों का कॉमन अनुभव है। अगर आप भी ठंड में बार-बार पेशाब के लिए भागते हैं, तो ये कोई बीमारी नहीं, ज्यादातर मामलों में शरीर की एक नार्मल प्रतिक्रिया है। AIIMS से प्रशिक्षित यूरोलॉजिस्ट डॉ. परवेज़ ने इस पूरी प्रक्रिया को बड़ी आसान भाषा में समझाया है।
डॉ. परवेज बताते हैं कि ये पूरी प्रक्रिया शरीर के पेरिफेरल सिस्टम, यानी शरीर के बाहरी हिस्सों से जुड़ी होती है। जैसे ही मौसम ठंडा होता है, शरीर की बाहरी ब्लड वेसल्स संकुचित (narrow) हो जाती हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में vasoconstriction कहते हैं। जब ऐसा होता है तो बाहरी हिस्सों में जो खून फैलकर जाता था, वह अब अंदर की ओर धकेल दिया जाता है। यानी ज्यादा खून छाती और पेट वाले हिस्से में इकट्ठा होता है। इससे Central Blood Volume अचानक बढ़ जाता है। किडनी को जब खून की यह अतिरिक्त मात्रा दिखती है, तो उसे लगता है कि शरीर में पानी जरूरत से ज्यादा है। किडनी समझती है कि शरीर ओवरहाइड्रेटेड है।यही गलतफहमी किडनी को ज्यादा काम करने पर मजबूर करती है, किडनी तेजी से खून फिल्टर करने लगती है।
जिसके चलते ज्यादा मात्रा में पेशाब बनता है। पेशाब पतला होता है, और बार-बार मूत्राशय भरने से बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है। इस प्रक्रिया को साइंस में Cold Diuresis कहा जाता है। ठंड में बार-बार पेशाब आने पर ज्यादातर लोग एक ही समाधान खोजते हैं, पानी पीना कम कर देते हैं। लेकिन डॉ. परवेज कहते हैं कि यह सबसे बड़ी गलती है। पानी कम पीने से पेशाब गाढ़ा हो जाता है। गाढ़े पेशाब में नमक और केमिकल की मात्रा बढ़ जाती है। इससे पेशाब करते समय जलन या जलन जैसा दर्द होने लगता है। मतलब, पानी कम पीने से समस्या ठीक नहीं होती, उल्टा और बढ़ जाती है।
डॉ. परवेज की सलाह है कि पानी कम न करें, बल्कि रेगुलर पीते रहें। पेशाब साफ और हल्का रहे, इसके लिए हाइड्रेशन जरूरी है। बार-बार बाथरूम जाना शरीर का एक प्रोटेक्टिव मैकेनिज्म है। इसलिए इसे बीमारी समझकर घबराने की जरूरत नहीं है। शरीर ठंड में खुद को बैलेंस रखने के लिए ऐसा करता है। ज्यादातर मामलों में यह बिल्कुल सामान्य है और किसी मेडिकल खतरे का संकेत नहीं।
सर्दियों में बार-बार पेशाब आना शरीर की नॉर्मल और नेचुरल प्रक्रिया है। ये इस बात का संकेत नहीं है कि आप ज्यादा पानी पी रहे हैं, बल्कि यह ठंड के कारण शरीर का एक स्वाभाविक रिएक्शन है। तो ठंड में पानी कम मत करें, हाइड्रेटेड रहें, ताकि कोई जलन या असुविधा न हो। यह एक सुरक्षात्मक कदम है जो शरीर खुद उठाता है, और ज्यादातर लोगों के लिए बिल्कुल सामान्य है।
Published on:
12 Dec 2025 11:54 am
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
