Car Heart Attack Survival Story: 64 साल के जेफ गेरैसी को कार चलाते समय अचानक हार्ट अटैक आया और उनकी गाड़ी एक कार्डियोलॉजिस्ट की क्लीनिक के बाहर टकरा गई। डॉक्टर ने तुरंत CPR देकर उनकी जान बचाई। जानें पूरा किस्सा।
Car Heart Attack Survival Story: हार्ट अटैक एक कॉमन बीमारी बन चुकी है। कब किसको कहां दिल का दौरा पड़ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में वर्जीनिया बीच (अमेरिका) का ये किस्सा किसी चमत्कार से कम नहीं लगता। दरअसल 64 साल के जेफ गेरैसी रोज की तरह जिम में वर्कआउट करके लौट रहे थे। उन्हें लगा कि थोड़ी थकान और सीने में भारीपन है, इसलिए उन्होंने सोचा कि आराम करने के बजाय सीधे घर चला जाए। लेकिन घर तक पहुचने से पहले ही उनकी हालत बिगड़ गई।
ड्राइव करते-करते अचानक उनके सीने में जोर का दर्द हुआ और देखते ही देखते वो बेहोश हो गए। कार बेकाबू होकर सड़क पर इधर-उधर डगमगाने लगी। चमत्कार ये कि उनकी गाड़ी दूसरी गाड़ियों से टकराने से बच गई और आखिर में जाकर एक बोर्ड से टकराते हुए एक मेडिकल ऑफिस के पार्किंग में रुक गई।
अब असली कहानी यहीं से शुरू होती है। किस्मत देखिए कि वो मेडिकल ऑफिस किसी और का नहीं बल्कि डॉ. दीपक तलरेजा का था, जो सेंटारा हेल्थ के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट हैं। यानी दिल के सबसे बड़े डॉक्टर, जिनका काम ही हार्ट पेशेंट की जान बचाना है। डॉ. तलरेजा ने बाहर जोरदार आवाज सुनी और तुरंत बाहर दौड़े। फोन से 911 (इमरजेंसी नंबर) डायल करते-करते वो कार तक पहुंचे। कार का शीशा टूट चुका था, एयरबैग्स खुले हुए थे और ड्राइवर की सीट पर जेफ दबे हुए पड़े थे। हालत इतनी खराब थी कि न सांस चल रही थी, न नाड़ी।
ऐसे वक्त में कुछ ही मिनट होते हैं जब इंसान की जान बच सकती है। डॉ. तलरेजा ने तुरंत CPR (सीपीआर) देना शुरू किया। पूरे आठ मिनट तक वो लगातार सीपीआर करते रहे, जब तक एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। यही वे पल थे जिन्होंने जेफ की जान बचा ली। अस्पताल पहुंचने के बाद पता चला कि जेफ की विडो मेकर आर्टरी (LAD - Left Anterior Descending artery) करीब 95% ब्लॉक थी। यही वजह थी कि उन्हें हार्ट अटैक आया। अगर कुछ मिनट और देरी हो जाती तो शायद उनकी जान नहीं बचती। जेफ खुद को फिट मानते थे, वो मैराथन भी दौड़ चुके थे और रेगुलर एक्सरसाइज करते थे। लेकिन फैमिली हिस्ट्री की वजह से उनके दिल में ब्लॉकेज बन गए थे।
आज जेफ इस घटना को भगवान की कृपा और किस्मत का खेल मानते हैं। उनका मानना है कि अगर उनकी कार कहीं और रुकती तो शायद इतनी जल्दी मदद नहीं मिलती। लेकिन उनकी गाड़ी वहीं जाकर रुकी, जहां दिल के सबसे बड़े डॉक्टर बैठे थे।ये वाकया हमें याद दिलाता है कि जिंदगी और मौत के बीच सिर्फ कुछ मिनट का फासला होता है। सही समय पर सही मदद मिल जाए तो चमत्कार भी हो सकता है।