How to fight with thyroid: थायरॉक्सिन का अधिक उत्पादन होने पर हाइपरथायरायडिज्म और इसका कम उत्पादन होने पर हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति उत्पन्न होती है।
How to fight with thyroid: तनाव के अधिक स्तर से रक्तचाप और शुगर के बढ़ने के साथ-साथ पाचन संबंधी समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है। आजकल के जीवनशैली में लोग अपने ऊपर अनावश्यक दबाव डाल रहे हैं, जिससे उन्हें क्रॉनिक स्ट्रेस जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वास्तव में, तनाव के कारण उत्पन्न होने वाला कार्टिसोल हार्मोन गले के निचले हिस्से में स्थित तितली के आकार के थायरॉइड ग्रंथि में सूजन पैदा करता है, जिससे थायरॉक्सिन हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है और लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं।
थायरॉक्सिन का अधिक उत्पादन होने पर हाइपरथायरायडिज्म और इसका कम उत्पादन होने पर हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति उत्पन्न होती है। हाइपोथायरायडिज्म से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए ठंड के मौसम का सामना करना कठिन होता है, क्योंकि थायरॉइड ग्रंथि शरीर को गर्म रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब तापमान गिरता है, तो थायरॉक्सिन शरीर के आंतरिक तापमान को बनाए रखता है, जिससे हृदय, किडनी, जिगर और फेफड़ों जैसे अंगों का तापमान स्थिर रहता है। यदि यह हार्मोन कम बनता है, तो शरीर का तापमान गिरने लगता है, जिससे हृदयाघात और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। इन समस्याओं से बचने के लिए थायरॉइड के स्तर को नियंत्रित करना आवश्यक है।
थायरॉइड के लक्षण में में अचानक वजन बढ़ना-घटना, उभरी हुई आंखें, हाई बीपी, ड्राई स्किन-हेयरफॉल, सुस्ती व थकान, घबराहट, चिड़चिड़ापन, हाथों में कंपन, नींद की कमी, बालों का झड़ना, मसल्स पेन, इर्रेगुलर पीरियड्स ये सब आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
How to fight with thyroid: नियमित दिनचर्या को फॉलो करें
नियमित दिनचर्या शरीर के प्राकृतिक हृदय ताल को स्थिर रखती है, जिससे शरीर में उत्पन्न असंतुलन को संतुलित करने में सहायता मिलती है। इसके साथ ही, इम्यून सिस्टम भी मजबूत बना रहता है। समय पर सोना, सुबह जल्दी उठना, नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में संलग्न रहना और संतुलित आहार का पालन करने से इम्यून प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और थायराइड एंटीबॉडी की मात्रा में कमी आती है।
How to fight with thyroid: योग करें
सर्वांगासन और मत्स्यासन जैसे योगाभ्यास में भाग लें। नियमित रूप से कम से कम 10 से 15 मिनट तक योगाभ्यास करें। यह थाइरॉइड के कार्य को उत्तेजित करने के साथ-साथ शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, विशेष रूप से थाइरॉइड क्षेत्र में। इसके अलावा, योग कॉर्टिसोल के स्तर को घटाता है, जिससे इम्यून सिस्टम को राहत मिलती है और थाइरॉइड एंटीबॉडीज की मात्रा कम होती है।
नारियल, एवोकाडो, बादाम, घी और अखरोट जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड से समृद्ध खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। यह एक प्रकार का स्वस्थ वसा है, जो आपके शरीर में सूखापन को कम करता है और कॉर्टिसोल के स्तर को संतुलित रखता है। इससे सूजन का जोखिम घट जाता है।
थायरॉइड में चीनी, सफेद चावल, केक-कुकीज, ऑयली फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स इन सब का परहेज करना चाहिए।
How to fight with thyroid: डाइट बैलेंस करें
स्वस्थ वसा, गर्म, पका हुआ और सुपाच्य भोजन का सेवन करें। ये खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को कम करने और पाचन स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। इसके अतिरिक्त, जिमीकंद, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स आदि जैसे खनिजों से भरपूर सब्जियों को अपनी नियमित आहार में शामिल करें। यह आपकी शरीर से सूजन को घटाने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती हैं। कच्चे, ठंडे और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें, क्योंकि ये सभी असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।