Vitamin B12 की कमी सिर्फ कमजोरी ही नहीं बल्कि हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ा सकती है। जानिए इसके लक्षण, असर और बचाव के आसान उपाय।
Vitamin B12 Deficiency: जब मरीजों को हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) या दिल में प्लाक (रुकावटें) होती हैं, तो ज्यादातर डॉक्टर डाइट, स्ट्रेस, एक्सरसाइज की कमी या नींद की कमी को वजह बताते हैं। ये कारण सही भी हैं, लेकिन अब रिसर्च यह भी दिखा रही है कि विटामिन B12 की कमी भी लंबे समय में चुपचाप दिल की सेहत बिगाड़ सकती है।
विटामिन B12 शरीर में कई अहम काम करता है। यह हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है। नर्वस सिस्टम यानी नसों के काम को दुरुस्त रखता है। साथ ही DNA बनाने में अहम भूमिका निभाता है। सबसे जरूरी बात ये है कि B12 खून में मौजूद होमोसिस्टीन नाम के अमिनो एसिड को कंट्रोल में रखता है। अगर B12 कम हो जाए तो होमोसिस्टीन का लेवल बढ़ जाता है और यही दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर की बड़ी वजह बनता है।
जब B12 की कमी होती है, तो खून की नसें सख्त और कम लचीली हो जाती हैं। इससे उनमें सूजन और अंदर प्लाक जमने लगता है। होमोसिस्टीन का लेवल बढ़ने पर खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे ब्लॉकेज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। B12 की कमी से नसों पर भी असर पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे हो सकता है। ज्यादा कमी होने पर एनीमिया हो सकता है। इसमें खून ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंचा पाता और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर लंबे समय में बढ़ सकता है।
विटामिन B12 का सामान्य लेवल 200 से 900 pg/mL के बीच होता है। जब हमारे शरीर में इसकी मात्रा 200 से कम हो तो इसकी कमी मानी जाएगी। वहीं, जब इसकी मात्रा 200 से 300 के बीच हो तो इसे बॉर्डरलाइन कह सकते हैं।
अंडा, दूध, मछली, चिकन और मीट में B12 ज्यादा होता है। जो लोग शाकाहारी या वेगन हैं, उन्हें फोर्टिफाइड फूड्स (यानी जिनमें B12 मिलाया गया हो) लेना चाहिए। जिन लोगों को पेट की बीमारियां हैं या बुजुर्ग हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट या इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है।
नियमित ब्लड टेस्ट कराते रहें ताकि B12 और होमोसिस्टीन का लेवल समय पर पता चल सके। सही डाइट, सप्लीमेंट और चेकअप के जरिए इस कमी को आसानी से रोका जा सकता है और दिल को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।