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How To Take Vitamin D: सालों से विटामिन D ले रहे हैं लेकिन असर नहीं दिख रहा? एक्सपर्ट से जानिए सही तरीका

How To Take Vitamin D: विटामिन D को "सनशाइन विटामिन" कहा जाता क्योंकि यह ऊर्जा स्तर में काफी सुधार लाता है, लेकिन आजकल के लाइफस्टाइल और कम धूप के कारण ज्यादातर लोग विटामिन D सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं सही तरीका जिससे इसका असरदार फायदा हो सकता है।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 13, 2025

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Vitamin D supplement guide|फोटो सोर्स – Freepik

How To Take Vitamin D: क्या आप भी लंबे समय से विटामिन D का सप्लीमेंट ले रहे हैं, फिर भी थकान, मूड स्विंग्स और हड्डियों में दर्द की परेशानी बनी हुई है?विटामिन D को लोग एक सप्लीमेंट के तौर पर उपयोग करते हैं, लेकिन लेने के तरीके में छोटी-छोटी गलतियां करते हैं, जिससे इसका असर शरीर तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाता है।आपको बता दें कि विटामिन D को "सनशाइन विटामिन" कहा जाता क्योंकि यह ऊर्जा स्तर में काफी सुधार लाता है, लेकिन आजकल के लाइफस्टाइल और कम धूप के कारण ज्यादातर लोग विटामिन D सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते हैं। आइए जानते हैं सही तरीका जिससे इसका असरदार फायदा हो सकता है। ब्रिटिश डॉक्टर एंड हेल्थ एजुकेटर डॉ. अदनान आजाद बताते हैं कि विटामिन D को लेने में पांच आम गलतियां होती हैं, जिन्हें सुधारना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं वे कौन-सी हैं।

Vitamin D को लेने में पांच आम गलतियां

मैग्नीशियम की कमी को नजरअंदाज करना

कई लोग विटामिन D का ही केवल सप्लीमेंट लेते हैं, लेकिन सिर्फ विटामिन D लेना काफी नहीं है।
शरीर को इसे एक्टिव करने के लिए मैग्नीशियम की जरूरत होती है। अगर आपकी डाइट में मैग्नीशियम की कमी है, तो चाहे जितना भी विटामिन D ले लें, वह प्रभावी नहीं होगा।पालक, बादाम, कद्दू के बीज जैसे फूड्स मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। चाहें तो मैग्नीशियम सप्लीमेंट भी डॉक्टर की सलाह से लिया जा सकता है।

विटामिन K2 की अनदेखी

विटामिन D शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाता है। लेकिन अगर आपके शरीर में पर्याप्त विटामिन K2 नहीं है, तो यह कैल्शियम हड्डियों तक पहुंचने के बजाय धमनियों में जमा होने लगता है, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। पनीर, अंडे की जर्दी और नाटो (सोयाबीन से बनी फूड) K2 के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।

खाली पेट विटामिन D लेना

लोग सोचते हैं कि सप्लीमेंट खाली पेट लेने से जल्दी असर करेगा, जबकि असलियत इसके बिल्कुल उलट है। विटामिन D फैट-सॉल्यूबल होता है, यानी इसे शरीर तभी अच्छी तरह सोख पाएगा जब आप इसे फैट वाले खाने के साथ लेंगे। अगर आप इसे खाली पेट खाते हैं, तो इसका फायदा लगभग आधा रह जाता है। इसलिए इसे दही, अंडा, या मुट्ठीभर नट्स जैसी चीजों के साथ लेना बेहतर है।

सही डोज न लेना

लोग या तो बहुत कम डोज लेते हैं या फिर बिना जांच करवाए ज्यादा खुराक शुरू कर देते हैं। एनएचएस गाइडलाइन के मुताबिक, सामान्यत 400 IU रोजाना लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन वयस्कों को अपनी जरूरत के हिसाब से 1000 से 2000 IU की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए अपनी डोज शुरू करने या बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है।

गर्मियों में लेना बंद कर देना

ज्यादातर लोग सोचते हैं कि गर्मियों में धूप से पर्याप्त विटामिन D मिल जाएगा, इसलिए सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है। लेकिन सच्चाई यह है कि धूप का असर तभी होगा जब आप रोजाना बिना कवर किए बाहर निकलें और डायरेक्ट सनलाइट लें। आज की लाइफस्टाइल में ऐसा बहुत कम होता है। इसलिए सालभर नियमित रूप से सप्लीमेंट लेना बेहतर है।


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