
Can vitamin B12 deficiency cause negative thinking?|फोटो सोर्स – Freepik
Vitamin B12 Deficiency: कभी-कभी हमारे मन में ऐसे विचार आने लगते हैं जो न तो हमें पसंद आते हैं और न ही चाहकर भी रोक पाते हैं, जैसे उदासी, चिड़चिड़ापन, बेवजह डर और नकारात्मक सोच।आमतौर पर हम इसे स्ट्रेस, थकान या मानसिक कमजोरी मानते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसके पीछे सिर्फ खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, बल्कि कुछ पोषक तत्वों की कमी, जैसे कि विटामिन B12 की कमी भी हो सकती है।आइए जानते हैं कि विटामिन B12 की कमी कैसे हमारे मन और सोच पर असर डालती है।
विटामिन B12 शरीर के एक अहम पोषक तत्वों में से एक है, जो रेड ब्लड सेल्स बनाने, नर्वस सिस्टम को मजबूत रखने, और दिमाग में बनने वाले DNA के निर्माण में मदद करता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर को भी प्रभावित करता है, जिनसे हमारे मूड और सोचने-समझने की क्षमता जुड़ी होती है।
यही वजह है कि अगर शरीर में विटामिन B12 की कमी हो जाए, तो व्यक्ति चिंता, चिड़चिड़ापन, अनसुकून और डिप्रेशन महसूस करने लगता है। साथ ही, बार-बार नकारात्मक ख्याल भी मन में आने लगते हैं।
कई रिसर्च में सामने आया है कि विटामिन B12 और B-कॉम्प्लेक्स ग्रुप के अन्य विटामिन्स दिमाग के लिए "फ्यूल" का काम करते हैं। इनकी कमी से दिमाग़ को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता, जिससे मूड स्विंग्स, मेंटल क्लैरिटी में कमी और निगेटिव थॉट्स बढ़ने लगते हैं। धीरे-धीरे यह स्थिति डिप्रेशन और एंग्जायटी का रूप ले सकती है।
अगर शरीर में Vitamin B12 की कमी हो जाए, तो इसके लक्षणों में एनर्जी लेवल का गिरना, थकान महसूस होना, त्वचा, बाल और नाखूनों की सेहत बिगड़ना, सांस लेने में परेशानी, और गर्दन और कंधों में मसल्स पेन शामिल हैं। अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो यह B12 की कमी का संकेत हो सकता है और डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।
Updated on:
30 Aug 2025 09:31 am
Published on:
30 Aug 2025 09:25 am
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