Karishma Mehta froze her eggs at the age of 32 : ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे की सीईओ करिश्मा मेहता ने हाल ही में सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि उन्होंने अपने एग्स फ्रीज करवाए। इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपनी इस जर्नी को शेयर करते हुए लिखा, "काफी समय से करना चाहती थी और आखिरकार कर लिया।
Humans of Bombay’s Karishma Mehta Freezes Her Eggs at 32 : ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे की सीईओ करिश्मा मेहता ने हाल ही में अपने एग फ्रीजिंग के फैसले को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने बताया कि जनवरी 2025 में उन्होंने यह प्रक्रिया करवाई। करिश्मा का यह कदम महिलाओं की प्रजनन क्षमता को लेकर बढ़ती जागरूकता और स्वतंत्रता को दर्शाता है।
एग फ्रीजिंग, जिसे ओसाइट क्रायोप्रेजर्वेशन भी कहते हैं, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला के अंडाशय को उत्तेजित करके अधिक अंडे उत्पन्न किए जाते हैं। फिर इन अंडों को निकालकर, फ्रीज करके सुरक्षित रखा जाता है, ताकि भविष्य में इनका इस्तेमाल किया जा सके। यह तकनीक उन महिलाओं के लिए मददगार है जो किसी कारणवश तुरंत मां बनने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन भविष्य में अपने बच्चे की चाह रखती हैं।
करिश्मा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, 2025 की शुरुआत शानदार रही। कई व्यक्तिगत और पेशेवर उपलब्धियां हासिल हुई। काफी समय से यह करने का सोच रही थी और आखिरकार इसे पूरा कर लिया। उनके इस कदम ने कई महिलाओं को इस विकल्प पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 30 से 35 वर्ष की उम्र एग फ्रीजिंग के लिए सबसे उपयुक्त होती है, क्योंकि इस दौरान अंडाणुओं की गुणवत्ता सबसे अच्छी होती है। भारत में इस प्रक्रिया की लागत 1.5 लाख से 5 लाख रुपये तक हो सकती है, जो अस्पताल और तकनीक के अनुसार बदलती रहती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, एग फ्रीजिंग करवाने की आदर्श उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच है। हालांकि, कुछ मामलों में, इससे पहले या बाद में भी एग फ्रीजिंग किया जा सकता है। यह तकनीक उन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है जिन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज कराना हो, क्योंकि कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के कारण उनकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया में लगभग 10 से 14 दिन लगते हैं। सबसे पहले महिला के अंडाशयों को उत्तेजित करने के लिए हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिससे अधिक अंडे बन सकें। फिर एक छोटी सी प्रक्रिया के द्वारा अंडों को निकाला जाता है और उन्हें फ्रीज करके सुरक्षित रखा जाता है।
महिलाओं को करियर और व्यक्तिगत लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की स्वतंत्रता मिलती है।
उम्र बढ़ने के बावजूद प्रजनन क्षमता बनाए रखने में मदद करता है।
महिलाओं को सही समय पर मातृत्व का निर्णय लेने का अवसर मिलता है।
हालांकि एग फ्रीजिंग सुरक्षित प्रक्रिया मानी जाती है, लेकिन इसके कुछ जोखिम भी हैं:
हार्मोनल उपचार के कारण कुछ महिलाओं को हल्की असहजता महसूस हो सकती है।
प्रक्रिया सफल होने की कोई 100% गारंटी नहीं होती।
भविष्य में भ्रूण प्रत्यारोपण (इम्प्लांटेशन) के दौरान जटिलताएं हो सकती हैं।
इससे पहले प्रियंका चोपड़ा भी अपने एग फ्रीजिंग के फैसले के बारे में खुलकर बात कर चुकी हैं। उन्होंने इसे महिलाओं के लिए एक सुरक्षा कवच बताया था, जिससे वे बिना दबाव के अपने भविष्य की योजना बना सकती हैं।
करिश्मा मेहता जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों द्वारा एग फ्रीजिंग पर खुलकर चर्चा करने से इस विषय पर जागरूकता बढ़ रही है। यह महिलाओं को अपने भविष्य की योजना बनाने और अपने जीवन के महत्वपूर्ण फैसलों को आत्मनिर्भरता से लेने की प्रेरणा देता है।
एग फ्रीजिंग एक जटिल प्रक्रिया है, और यह भविष्य में मातृत्व की गारंटी नहीं है। इसलिए, एग फ्रीजिंग करवाने से पहले, डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत स्थिति का आकलन करके आपको बताएंगे कि एग फ्रीजिंग आपके लिए सही है या नहीं। साथ ही, इस प्रक्रिया से जुड़े जोखिमों और फायदों के बारे में भी आपको जानकारी देंगे।
Watch Video : महिला-पुरुष दोनों में घट रही प्रजनन क्षमता
अस्वीकरण: यह सामग्री और इसमें दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी योग्य चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं लेती। हमेशा अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श करें। patrika.com इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।