Low uric acid symptoms in hindi : अक्सर लोग बढ़े हुए यूरिक एसिड को ही खराब मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यूरिक एसिड ला लो होना भी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
Low uric acid symptoms : यूरिक एसिड जब शरीर में कम होने लगता है तो इससे कई बीमारियां और परेशानी खड़ी हो जाती है। यूरिक एसिड का बढ़ना ही नहीं बल्कि घटना भी शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
अगर आपको लगता है यूरिक एसिड को हमेशा कम ही रखना तो अपनी सोच को बदल लें। यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन के टूटने पर बनता है जो कि एक टॉक्सिक वेस्ट प्रोडक्ट है जो कि किडनी बनाती है, लेकिन जब यूरिक एसिड का लेवल 3 से 7 मिलीग्राम / डीएल के नीचे हो जाता है तो शरीर में लो यूरिक एसिड के लक्षण नजर आने लगते हैं।
खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से ही यूरिक एसिड का लेवल कम या ज्यादा होता था। खून में यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है तो, इससे हाइपोरिसीमिया (hypouricemia) का खतरा बढ़ता है।
लो यूरिक एसिड से विल्सन डिजीज होने का खतरा रहता है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें कॉपर आपके महत्वपूर्ण अंगों में असामान्य रूप से जमा हो जाता है।
फैंकोनी सिंड्रोम में किडनी वेस्ट प्रोडक्ट्स को ब्लड सर्कुलेशन के जरिए पुन: अवशोषित करने लगती है। ऐसे में वेस्ट प्रोडक्ट आपके शरीर में दोबारा सर्कुलेट होता है और यूरिक एसिड घटने लगता है।
शरीर में एंटीडाययूरेटिक हार्मोन का प्रोडक्शन ज्यादा होता है, तो शरीर में नमक की मात्रा कम हो जाती है। इससे खून में यूरिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है।
- चयापचय के वंशानुगत रोग
- एचआईवी संक्रमण
- प्यूरीन से भरपूर फूड्स की कमी
- किडनी से जुड़े रोग
- गाउट
- ब्लैडर की समस्याएं
- गुर्दे की पथरी
- पैर-हांथ में सूजन
- हड्डियों में दर्द हो सकता है
- असामान्य रूप से कमजोर हड्डियां या सूजन
- डिहाइड्रेशन
- शरीर में दर्द
- भूख कम लगना
- अवसाद
- थकान
- कांपना या चलने में दिक्कत
- निगलने या बोलने में कठिनाई हो सकती है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।