Early symptoms of lung cancer : क्या आप जानते हैं कि लंग कैंसर के लक्षण सिर्फ छाती या खांसी तक सीमित नहीं होते? इस बीमारी के संकेत पैरों में भी दिखाई देते हैं। जैसे सूजन, दर्द, झुनझुनी और स्किन का रंग बदलना। एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल के डॉ. अरुण गोयल बताते हैं, इन शुरुआती संकेतों को पहचानकर समय पर इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है।
Early Symptoms of Lung Cancer: कैंसर दुनिया की खतरनाक बीमारियों में से एक है। कई तरह के कैंसर होते हैं। इन्हें में से एक है लंग कैंसर (फेफड़ों का कैंसर)। दरअसल यह माना जाता है कि इसके लक्षण सिर्फ छाती, खांसी या सांस लेने से जुड़े होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बीमारी के संकेत शरीर के नीचे वाले हिस्सों, खासकर पैरों और टखनों में भी दिखाई दे सकते हैं? अक्सर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे कैंसर देर से पकड़ में आता है।
एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल, सोनीपत के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ. अरुण कुमार गोयल के अनुसार, शुरुआती चरण में लंग कैंसर के संकेत बहुत हल्के होते हैं, इसलिए इन्हें पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन अगर समय रहते इन संकेतों को पहचान लिया जाए, तो इलाज से न सिर्फ बीमारी को रोका जा सकता है बल्कि मरीज की उम्र भी बढ़ाई जा सकती है।
लंग कैंसर के मरीजों में सबसे आम लक्षणों में से एक है, पैरों और टखनों की सूजन। इसे मेडिकल भाषा में Peripheral Edema कहा जाता है। यह तब होता है जब शरीर के टिशू में फ्लूइड जमा होने लगता है। कैंसर के बढ़ने से नसों या लिंफ वेसल्स में रुकावट आ सकती है, या फिर कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स के कारण सूजन बढ़ सकती है। लगातार होने वाली सूजन को हल्के में न लें, क्योंकि यह संकेत हो सकता है कि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल चुका है।
लंग कैंसर से पीड़ित लोगों में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) का खतरा भी बढ़ जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें पैरों की गहरी नसों में ब्लड क्लॉट बनने लगते हैं। इसके लक्षण हैं, पैरों में दर्द, भारीपन, लालिमा और गर्माहट। अगर यह क्लॉट फेफड़ों तक पहुंच जाए, तो यह पल्मोनरी एम्बोलिज्म बन सकता है, जो जानलेवा स्थिति होती है। शोधों से पता चला है कि कैंसर के मरीजों में DVT का खतरा आम लोगों की तुलना में 7 गुना अधिक होता है।
लंग कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी दवाइयां Peripheral Nerves को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसे Chemotherapy-Induced Peripheral Neuropathy कहा जाता है। इस स्थिति में पैरों में झुनझुनी, सुई चुभने जैसा दर्द, जलन या सुन्नपन महसूस हो सकता है। कई बार यह समस्या इलाज खत्म होने के बाद भी बनी रहती है, जिससे चलने या बैलेंस बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है।
कई बार पैरों की त्वचा का रंग पीला, नीला या लाल हो जाता है। यह शरीर में ऑक्सीजन डिलीवरी में कमी या खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत है। कुछ मामलों में पैरों में अल्सर या जख्म भी बन सकते हैं, जो ठीक होने में समय लगाते हैं या संक्रमित हो जाते हैं।
लंग कैंसर और उसके इलाज के कारण शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है। लंबे समय तक एक्टिव न रहना, पोषण की कमी या ब्लड फ्लो में रुकावट इसका कारण हो सकता है।
लंबे समय तक ब्लड में ऑक्सीजन की कमी के कारण पैरों और हाथों की उंगलियों के सिरे फूलने लगते हैं और नाखून गोलाकार हो जाते हैं। इसे डिजिटल क्लबिंग कहा जाता है, जो लंग कैंसर का एक क्लासिक संकेत है।