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Hair Dye Cancer Risk : बालों को बार-बार रंगने से कैंसर का खतरा! स्टडी में खुलासा, इससे बचने के उपाय जानिए

Hair Dye Cancer Risk : एक नई स्टडी के मुताबिक लंबे समय तक हेयर डाई का उपयोग स्तन, प्रोस्टेट और ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। जानें सुरक्षित हेयर कलरिंग के तरीके, केमिकल्स से कैसे बचें और कौन-सी डाई है सेफ।

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भारत

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Dimple Yadav

Oct 31, 2025

Hair Dye Cancer Risk

Hair Dye Cancer Risk (Photo- gemini ai)

Hair Dye Cancer Risk : फैशन के इस दौर में बालों को रंगना एक आम बात है। लोग अलग लुक के लिए कई बार अपने बालों का रंग बदलते रहते हैं। ऐसे में एक हालिया वैज्ञानिक समीक्षा ने यह चेतावनी दी है कि लंबे समय तक हेयर डाई का उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। विशेष रूप से, गहरे रंगों की हेयर डाई का बार-बार इस्तेमाल करने वाले लोगों में यह खतरा अधिक पाया गया है। यह अध्ययन अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन (UC Irvine) की डॉ. रैचेल के. ग्रीन और उनकी टीम द्वारा किया गया है, जिसे JAAD International जर्नल में 25 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित किया गया।

इस सिस्टमेटिक रिव्यू में 1964 से 2025 के बीच प्रकाशित 96 अध्ययनों को शामिल किया गया। इनमें से 13 प्रॉस्पेक्टिव कोहॉर्ट और 83 केस-कंट्रोल स्टडी थीं। इन शोधों में हेयर डाई के इस्तेमाल और कई प्रकार के कैंसर के बीच संभावित संबंधों की जांच की गई।

स्तन कैंसर का खतरा अधिक

कई अध्ययनों में यह पाया गया कि हेयर डाई का उपयोग स्तन कैंसर (breast cancer) के बढ़ते खतरे से जुड़ा हुआ है। खासकर वे महिलाएं जो गहरे रंग की पर्मानेंट हेयर डाई का बार-बार प्रयोग करती थीं, उनमें खतरा अधिक देखा गया। काले रंग की डाई का इस्तेमाल करने वाली अफ्रीकी-अमेरिकी महिलाओं में एस्ट्रोजन रिसेप्टर-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर (Estrogen receptor-positive breast cancer) का जोखिम 72% तक अधिक पाया गया। वहीं हल्के रंग की डाई इस्तेमाल करने वाली श्वेत महिलाओं में भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा देखा गया।

अन्य कैंसरों से भी जुड़ा जोखिम

कुछ अध्ययनों में यह पता चला कि हेयर डाई का उपयोग अंडाशय के कैंसर (ovarian cancer) प्रोस्टेट कैंसर, ल्यूकेमिया, नॉन-हॉजकिंस लिंफोमा, और ब्रेन ट्यूमर (ग्लियोमा, ग्लियोब्लास्टोमा) के खतरे को भी बढ़ा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं 31 साल से अधिक समय तक हेयर डाई का उपयोग कर रही थीं, उनमें मूत्राशय कैंसर (bladder cancer) का खतरा बढ़ गया था।

गर्भावस्था और बच्चों पर प्रभाव

कई अध्ययनों ने बताया कि गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान हेयर डाई का इस्तेमाल करने वाली माताओं के बच्चों में एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) का खतरा अधिक पाया गया। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कुछ लोगों में विशेष NAT2 और CYP1A2 जीन वेरिएंट्स के कारण हेयर डाई के प्रभाव अधिक हानिकारक हो सकते हैं।

विशेषज्ञों की राय

शोधकर्ताओं ने कहा कि सभी अध्ययनों के नतीजे एक समान नहीं हैं, लेकिन हेयर डाई और कैंसर के बीच संबंध को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि 1980 के बाद की आधुनिक हेयर डाई में पुराने हानिकारक अरोमैटिक अमाइन केमिकल्स नहीं होते, इसलिए उनका खतरा कम हो सकता है।

हेयर डाई के खतरे से बचने के उपाय

लेबल ध्यान से पढ़ें: हमेशा हेयर डाई खरीदते समय Ammonia-free, PPD-free या Paraben-free प्रोडक्ट ही चुनें।

नेचुरल विकल्प अपनाएं: हिना (मेहंदी), कॉफी, इंडिगो या हर्बल कलर जैसे प्राकृतिक विकल्प ज्यादा सुरक्षित हैं।

बहुत बार इस्तेमाल न करें: महीने में एक बार से ज्यादा हेयर डाई का उपयोग न करें। बार-बार लगाने से केमिकल स्कैल्प और ब्लड में अवशोषित हो सकते हैं।

पैच टेस्ट जरूर करें: लगाने से 24 घंटे पहले स्किन टेस्ट करें ताकि एलर्जी या जलन का पता चल सके।

लगाने का सही तरीका: दस्ताने पहनें, बालों और स्कैल्प को तेल से हल्का मॉइस्चराइज करें और डाई को ज्यादा देर तक बालों में न रखें।

गर्भावस्था में सावधानी: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं डाई के प्रयोग से बचें या डॉक्टर से सलाह लें।