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लिवर कैंसर के मरीजों में महिलाओं की तुलना में ढाई गुना अधिक हैं पुरुष

लिवर कैंसर जागरूकता माह पर विशेष, फैटी लिवर, शराब का सेवन व हेपेटाइटिस को न करें अनदेखा

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Ahmedabad: विश्व में लिवर कैंसर के बढ़ते मरीज चिंता का विषय है। विश्व में इस रोग के चलते वर्ष 2020 में 905700 नए मामले सामने आए और 830200 मौत दर्ज की गईं। समय रहते डिटेक्ट होने पर कई मौतों को टाला जा सकता है। आंकड़े बताते हैं कि लिवर कैंसर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है।गुजरात के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) के आंकड़ों के तहत महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह रोग दो से ढाई गुना ज्यादा है। विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लिवर, शराब का सेवन और हेपेटाइटिस इस रोग को बढ़ावा देने वाले कारक हैं।

जीसीआरआई के आंकड़ों के अनुसार पांच वर्षों में लिवर कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है। 41 से 60 वर्ष की आयु में पुरुषों में सबसे अधिक मरीज सामने आए हैं। ग्लोबोकैन आंकड़ों के अनुसार भारत में वर्ष 2022 में 34,180 नए लिवर कैंसर के मामले सामने आए थे, जबकि 33,410 लोगों की मौत हुई थी।जीसीआरआई में लिवर कैंसर मरीजों में शराब व अन्य मादक पदार्थों का ज्यादा सेवन करना भी एक कारण है। वर्ष 2020 में पुरुषों में लिवर कैंसर के 92 मरीज दर्ज हुए थे, इसकी तुलना में महिलाओं में 25 मामले सामने आए। वर्ष 2021 में 144 पुरुष मरीज तथा 62 महिला मरीज दर्ज हुए। वर्ष 2022 में 145 पुरुष और 41 महिलाएं, वर्ष 2023 में 161 पुरुष व 43 महिलाएं तथा वर्ष 2024 में लिवर कैंसर के पुरुष मरीज 192 व महिला रोगियों की संख्या 46 दर्ज की गई।

लिवर कैंसर से बचाव को जागरूकता जरूरी: डॉ. पंड्या

जीसीआरआई के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या के अनुसार हेपेटाइटिस बी और सी, शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापा और गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) सहित प्रमुख जोखिम कारकों के बारे में लोगों को जागरूक करना जरूरी है। ये ऐसे कारक हैं, जिनके कारण लिवर कैंसर को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के हवाले से कहा कि भारत में 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से लंबे समय से पीडि़त हैं। गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग बड़ा कारण बन रहा है। मोटापे से ग्रस्त लोगों और मधुमेह या प्री-डायबिटीज वाले लोग भी शामिल हैं। समय रहते यदि इस रोग को पकड़ा जाए तो कई मौतों को रोका जा सकता है। इसके लिए जागरूकता की जरूरत है। लिवर कैंसर कभी-कभी बिना लक्षणों के भी पनप सकता है, ऐसे में समय-समय पर जांच कराना जरूरी है।