Marburg virus: अफ्रीका में एक वायरस ने दस्तक दी है जिसका नाम मारबर्ग वायरस है बताया जा रहा है कि यह अब तक का सबसे घातक वायरस है। अब तक 17 देशों को इस वायरस ने घेर लिया है।
Marburg virus: एक वायरस जाता है दूसरा नया आ जाता है। इस समय ऐसा ही चल रहा है। थोडे दिनों पहले आपने मंकीपॉक्स वायरस के बारे में सुना था उसने भी काफी प्रभावित किया था। अब अफ्रीका के करीब 17 देशों में एक वायरस ने दशतक दी है जिसका नाम मारबर्ग वायरल है। जिसे ब्लीडिंग आई भी कहा जाता है। इसी को लेकर खबरे ये भी आ रही है कि रवांडा में अब तक 15 लोग इस वायरस से मर चुके है और कई लोग इससे संक्रमित है। इस वायरस में आंख समेत कई हिस्सों से खून बहने लगता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेवल हेल्थ प्रो की तरफ से रवांडा, बुरुंडी, सेंट्रल अफ्रिकन रिपब्लिक, कॉन्गो, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कॉन्गो, गाबों, कीन्या, युगांडा, बोलिविया, ब्राजील, कोलंबिया, क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, गुया गुना, पनामा और पेरु जाने वाले यात्रियों को चेतावनी जारी की गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मारबर्ग वायरस बेहद खतरनाक वायरस है जिसका रेशो 88 प्रतिशत तक माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि यदि शुरूआत में यदि अच्छा इलाज हो जाता है तो इसे कम किया जा सकता है। इसका सबसे पहले पता 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट और सर्बिया के बेलग्रेड में चला था। यह वायरस इंसान से इंसान में किसी भी तरल चीज से फैल सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस वायरस में तेज बुखार, भयंकर सिरदर्द शुरू में होने लगता है। इसी के साथ मांसपेशियों में इसके लक्षण देखें गए है।
तीसरे दिन दस्त, पेट दर्द, उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जब ये लक्षण आने लगते हैं तो मरीज 2 से 7 दिनों के भीतर रैश का शिकार हो सकता है।
पांचवे दिन मरीज के उल्टी और मल में खून, नाक, मसूड़ों और योनी से खून आने की शिकायत हो सकती है। इसी के साथ मरीज के आंखों से भी खून आने लगता है। यदि मामला गंभीर हो जाता है तो इससे 8,9 दिनों में मौत हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यदि कोई महिला गर्भवती है या किसी की इम्यूनिटी कमजोर है तो उनको इस वायरस से ज्यादा खतरा हो सकता है। इसलिए आपको उन लोागों से बचना चाहिए जिन लोगों के शरीर पर दाने निकले हुए है।
डिसक्लेमरः यह जानकारी मीडिया रिपोर्टस पर आधारित है। यह रिपोर्ट सामान्य जानकारी के तौर पर लिखी गई है। इस पर पत्रिका कोई दावा नहीं करता है।