Morning Heart Attack: आपने अक्सर सुना होगा कि लोगों को अचानक हार्ट अटैक का खतरा ज्यादातर सुबह के समय होता है। यही नहीं, रिसर्च भी यह मानती है कि हार्ट अटैक के मामलों का खतरा सुबह के समय सबसे ज्यादा देखा जाता है।
Morning Heart Attack Risk: सुबह का समय दिन की शुरुआत का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि सुबह का वही वक्त दिल से जुड़ी समस्याओं के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है? आपने अक्सर सुना होगा कि लोगों को अचानक हार्ट अटैक का खतरा ज्यादातर सुबह के समय होता है। यही नहीं, रिसर्च भी यह मानती है कि हार्ट अटैक के मामलों का खतरा सुबह के समय सबसे ज्यादा देखा जाता है। दरअसल, इस दौरान ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और तनाव जैसी स्थितियां अगर पहले से मौजूद हों तो यह जोखिम और बढ़ा सकती हैं।
नींद से उठते ही शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन तेजी से सक्रिय हो जाते हैं। ये ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट दोनों को बढ़ा देते हैं। अगर धमनियों में पहले से प्लाक जमा है, तो अचानक बढ़ा दबाव उसे फोड़ सकता है और खून का थक्का (क्लॉट) बनने की संभावना बढ़ जाती है।
सुबह शरीर का तापमान अपेक्षाकृत कम होता है। इस वजह से ब्लड सेल्स सिकुड़ जाती हैं और ब्लड फ्लो पर दबाव बढ़ जाता है। दिल के मरीजों या कमजोर धमनियों वाले लोगों में यह स्थिति ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
सुबह के वक्त खून सामान्य से ज्यादा गाढ़ा हो जाता है। प्लेटलेट्स एक-दूसरे से अधिक चिपकने लगते हैं, जबकि शरीर की थक्का घोलने की क्षमता घट जाती है। ऐसे में ब्लॉकेज का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की एक स्टडी बताती है कि सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच हार्ट अटैक का रिस्क लगभग 40% ज्यादा रहता है। वहीं, बीबीसी हेल्थ की रिपोर्ट कहती है कि सुबह के समय होने वाले हार्ट अटैक, शाम या रात की तुलना में दिल की मांसपेशियों को 20-25% ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।