Diabetes के मरीजों को नवरात्रि व्रत के दौरान खाने में सावधानी रखना बहुत जरूरी होता है। यदि डायबिटीज के मरीज लंबे समय तक भूखा रहते हैं तो उन्हें परेशानी हो जाती है।
Navratri Diet Plan for Diabetes Patients : नवरात्रि का व्रत हर कोई करना चाहता है लेकिन कोई इसके 9 दिन तक भूखे रहने से डरता है तो कोई वजन कत होने से डरता है। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत तो डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को आती है यदि वे नवरात्रि का व्रत रखते हैं तो उन्हें भूखा रहना पड़ता है और यदि वे भूखा रहते हैं तो उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए उनके के लिए परेशानी रहती है कि वे क्या करें।
डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए हम कुछ ऐसी टिप्स लेकर आए है यदि वे इनको फॉलों करते है तो आप आसानी से नौ दिन तक नवरात्रि का व्रत रख सकेगें जिससे आप भी खुश और माता रानी भी खुश।
यदि डायबिटीज के मरीज लंबे समय तक भूखा रहते हैं तो उनके शुगर लेवल घटने का खतरा ज्यादा रहता है इसलिए उनको ज्यादा देर तक भूखा नहीं रहना चाहिए। इसलिए उन्हें थोड़ी थोड़ी देर बाद कुछ न कुछ खाता रहना चाहिए। इसलिए उन्हें खाने में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स जैसे फूड्स शामिल करने चाहिए। जैसे दही या छाछ, सब्जियों का सूप, मूंगफली, अलसी के बीज, बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज।
नवरात्रि के व्रत के समय में कुट्टू का आटा, लौकी और समा के चावल का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। कुट्टू के आटे में जटिल कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी हैं। इसकी रोटी को दही के साथ खाना उचित है। समा के चावल को खिचड़ी के रूप में तैयार किया जा सकता है, और दूध को गुड़ के साथ लेना भी एक अच्छा विकल्प है।
कुट्टू का आटा, लौकी और समा के चावल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इन्हें तलकर या पकौड़े के रूप में खाना डायबिटीज के रोगियों के लिए उचित नहीं है। पूरी के स्थान पर हरी सब्जियों का उपयोग करके चीले बनाना अधिक लाभकारी रहेगा। दिन में 200 ग्राम से अधिक फल का सेवन नहीं करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करना आवश्यक है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।