RSV Virus Alert : क्या आपके बच्चे को बार-बार सर्दी, खांसी, बुखार हो रहा है? ये मामूली जुकाम नहीं बल्कि खतरनाक RSV वायरस हो सकता है जो खासकर छोटे बच्चों के लिए जानलेवा है।
RSV Virus : क्या आपके बच्चे को भी आजकल बार-बार सर्दी, खांसी और बुखार हो रहा है? कहीं आप इसे मामूली मौसम बदलाव तो नहीं समझ रहे? डॉक्टर्स की मानें तो यह सिर्फ एक आम जुकाम नहीं बल्कि रेस्पिरेटरी सिंकिशियल वायरस (RSV) का खतरनाक संकेत हो सकता है जो खासकर छोटे बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ अकादमी (IAP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वसंत एम. खलतकर ने हाल ही में एक चौंकाने वाला आंकड़ा बताया है। उनके मुताबिक, सिर्फ 2024 में ही बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई के अस्पतालों में RSV से 2,360 बच्चों की जान जा चुकी है। ये आंकड़े रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। डॉ. खलतकर कहते हैं कि यह तो बस एक शुरुआत है क्योंकि पिछले पांच दशकों से यह बीमारी नोटिफिएबल होने के बावजूद इसकी सही से जांच ही नहीं हो पाती। इसे अक्सर लोग सामान्य सर्दी-खांसी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह बच्चों में श्वसन तंत्र के निचले हिस्से के संक्रमण (Lower Respiratory Tract Infections) का एक बड़ा कारण है।
शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ये वायरस मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं। ऐसे में, बच्चों को सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। चिंता की बात यह है कि इन दिनों अस्पतालों में सर्दी-खांसी और बुखार वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
RSV के लक्षण:
- बुखार
- खांसी
- सांस लेने में तकलीफ़
- नाक बंद होना
- बहती नाक और छींकें
- घरघराहट (सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज)
- भूख कम लगना
अगर समय पर इलाज न मिले तो RSV ब्रोंकियोलाइटिस (Bronchiolitis) या निमोनिया (Pneumonia) का कारण बन सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है।
- बुखार
- खांसी
- सांस लेने में तकलीफ़
- घरघराहट
- नाक बंद होना
HMPV भी हल्के जुकाम से लेकर गंभीर ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया तक का रूप ले सकता है। दोनों ही वायरस श्वसन बूंदों और दूषित सतहों से फैलते हैं।
लक्षणों को देखकर ही RSV या HMPV की पुष्टि नहीं की जा सकती, इसके लिए जांच जरूरी है। लेकिन इन बातों का ध्यान रखकर आप खुद को और अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं:
साफ-सफाई का ध्यान रखें: हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
दूरी बनाएं : संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें।
सतहों को साफ करें: रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली सतहों (जैसे दरवाजे के हैंडल, खिलौने) को साफ करते रहें।
मास्क का उपयोग करें: भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, खासकर जब लक्षण हों।
सार्वजनिक स्थानों से बचें: यदि लक्षण दिख रहे हैं, तो सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
तुरंत डॉक्टर को दिखाएन: अगर बच्चे में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखें तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
RSV आमतौर पर कुछ हफ्तों तक रहता है, लेकिन खांसी या घरघराहट लंबे समय तक रह सकती है। इसलिए लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते डॉक्टरी सलाह जरूर लें। आपके छोटे से प्रयास आपके बच्चे के जीवन को बचा सकते हैं!