
Papaya Leaves for Dengue : पपीते के पत्तों से प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले दावे झूठे, एम्स के डॉ. का बड़ा खुलासा (फोटो सोर्स : Freepik)
Papaya Leaves for Dengue : मानसून का मौसम आते ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और इनमें डेंगू का नाम सबसे ऊपर होता है। डेंगू के दौरान सबसे बड़ी चिंता प्लेटलेट्स के गिरने की होती है जिसे लेकर अक्सर मरीज और उनके परिवार वाले घबरा जाते हैं। सोशल मीडिया और आम बोलचाल में कई तरह के नुस्खे बताए जाते हैं जिनमें पपीते के पत्ते का जूस या कच्ची पपीते का सेवन काफी आम है। लेकिन क्या वाकई ये तरीके प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर हैं?
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. पीयूष रंजन ने इन दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने साफ कहा है कि पपीते का जूस या उसके पत्तों का सेवन डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स बढ़ाने में बिल्कुल भी मददगार नहीं होता है। लोग अक्सर बिना डॉक्टरी सलाह के खुद ही उपचार करने लगते हैं जिसमें पपीते के अलावा बकरी का दूध, हर्बल सप्लीमेंट्स और अन्य घरेलू नुस्खे शामिल हैं। डॉ. रंजन के अनुसार, प्लेटलेट्स बढ़ाने की जरूरत तभी पड़ती है जब उनकी संख्या 10 हजार से कम हो जाए। यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है क्योंकि बेवजह की चिंता और गलत उपचार से बचना बेहद जरूरी है।
डॉ. पीयूष रंजन ने सिर्फ डेंगू ही नहीं बल्कि बरसात के मौसम में होने वाली अन्य जलजनित बीमारियों (Waterborne Diseases) से बचाव के लिए भी महत्वपूर्ण सलाह दी है। यह समझना जरूरी है कि मानसून अपने साथ सिर्फ राहत ही नहीं बल्कि टाइफाइड, डायरिया, मलेरिया जैसी बीमारियां भी लाता है।
उबला, फिल्टर या बोतलबंद पानी ही पीएं: अपनी सेहत के लिए सबसे पहले पीने के पानी की शुद्धता सुनिश्चित करें। अगर पानी की शुद्धता पर जरा भी संदेह है, तो उसे उबालकर ठंडा करके ही पीएं।
पानी को ढककर रखें: हमेशा पानी को साफ और ढके हुए बर्तन में रखें, ताकि वह दूषित न हो।
हाथ धोना है सबसे अहम : खाना खाने से पहले, शौच के बाद और पानी छूने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। बच्चों को भी नियमित हाथ धोने की आदत डालें। यह कई बीमारियों से बचने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है।
पका हुआ भोजन खाएं: हमेशा अच्छी तरह पका हुआ भोजन ही खाएं। कच्चे या अधपके खाने से बचें।
फल-सब्जियां धोकर उपयोग करें: फल और सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले साफ पानी से अच्छी तरह धो लें।
बाहर का खुला खाना न खाएं : ठेले या खुले में बिकने वाला बासी या अस्वच्छ भोजन खाने से बचें।
पानी जमा न होने दें: अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें। रुका हुआ पानी मच्छरों और बैक्टीरिया के पनपने का मुख्य कारण बनता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं।
नालियां ढंकी रखें: नालियों को हमेशा ढककर रखें और उनकी नियमित सफाई करें।
शौचालय का उपयोग करें: खुले में शौच न करें। हमेशा स्वच्छ शौचालय का उपयोग करें और उसे नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें।
पानी के स्रोतों की सफाई: कुओं, नदियों या तालाबों के पास शौच न करें। पानी के स्रोतों को भी नियमित रूप से साफ करें और जरूरत पड़ने पर क्लोरीन टैबलेट का उपयोग करें।
डॉ. पीयूष रंजन ने बताया कि मानसून के दौरान फ्लू (सामान्य बुखार, बदन दर्द) होना आम है। लेकिन, अगर आपको तेज बुखार के साथ लगातार सिर दर्द हो रहा है, तो यह डेंगू का संकेत हो सकता है। वहीं, अगर दवाई लेने के चार-पांच घंटे बाद भी बुखार उतर नहीं रहा है, तो मलेरिया की संभावना बढ़ जाती है।
याद रखें: यदि आपको दस्त, उल्टी या तेज बुखार जैसे कोई भी लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज करने की बजाय, सही चिकित्सीय सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
इस मानसून में इन आसान लेकिन महत्वपूर्ण उपायों को अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को जलजनित बीमारियों से काफी हद तक बचा सकते हैं। सेहतमंद रहें, सतर्क रहें!
with ians input
Published on:
09 Jul 2025 04:53 pm
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