World Incurable Diseases: क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जिनका नाम तक आपने नहीं सुना होगा? दुनिया में कई दुर्लभ और लाइलाज बीमारियां हैं जो इंसान को भीतर से तोड़ देती हैं। आज जानते हैं कुछ ऐसी ही हैरान कर देने वाली बीमारियों के बारे में, जिनके लक्षण और प्रभाव आपको चौंका देंगे।
World Incurable Diseases : क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे आसपास कुछ ऐसी बीमारियां भी हो सकती हैं जिनके बारे में हमने शायद कभी सुना ही न हो? जी हां, दुनिया में ऐसी कई दुर्लभ और लाइलाज (World Incurable Diseases) बीमारियां मौजूद हैं जो इंसान को अंदर से तोड़ देती हैं, और उनका सामना करना किसी चुनौती से कम नहीं। आइए आज हम ऐसी ही कुछ हैरान कर देने वाली बीमारियों के बारे में जानते हैं, जिनके लक्षण और प्रभाव सुनकर आप भी चौंक जाएंगे।
इस बीमारी में त्वचा और नसों में छोटे-बड़े ट्यूमर या गांठें बन जाती हैं। ये ट्यूमर आमतौर पर कैंसर वाले नहीं होते लेकिन इनसे त्वचा पर धब्बे और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। हॉलीवुड अभिनेत्री टीनटिन ने भी इस बीमारी के बारे में सार्वजनिक रूप से बात की है।
पेड़ जैसी त्वचा का दर्द अगर आपकी त्वचा पेड़ की छाल जैसी दिखने लगे? ट्री बार्क स्किन डिसऑर्डर, जिसे एपिडर्मोडिसप्लासिया वेर्रुसीफॉर्मिस भी कहते हैं। यह एक बेहद दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है। इसमें त्वचा पर मस्से और पपड़ीदार घाव बन जाते हैं जो देखने में पेड़ की छाल जैसे लगते हैं। इंडोनेशिया के ट्री मैन के नाम से मशहूर देदे कोसवाड़ा इस बीमारी से पीड़ित थे जिनकी कहानी ने दुनिया भर का ध्यान खींचा था।
यह खून से जुड़ी एक आनुवंशिक बीमारी है जो न केवल दिमाग पर असर डालती है बल्कि त्वचा को भी खराब कर देती है। इससे शरीर में एक खास रसायन (पोर्फिरिन) ज्यादा बनने लगता है जिससे त्वचा धूप के प्रति बेहद संवेदनशील हो जाती है और मानसिक संतुलन भी बिगड़ सकता है। कई बार इसे पिशाच रोग भी कहा जाता है क्योंकि इसके कुछ लक्षण वैम्पायरों से मिलते-जुलते लगते हैं, जैसे धूप से बचना और रात में सक्रिय होना।
इस स्थिति को हाइपरट्राइकोसिस भी कहते हैं जिसमें शरीर के किसी भी हिस्से या पूरे शरीर पर असामान्य रूप से बहुत अधिक बाल उग आते हैं। यह इतना दुर्लभ है कि दुनिया में इसके बहुत कम मामले सामने आए हैं।
इस दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी में शरीर के कुछ हिस्से असामान्य रूप से बढ़ने लगते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी का हाथ, पैर या सिर इतना बड़ा हो सकता है कि वह शरीर के बाकी हिस्सों से बिल्कुल अलग लगे। प्रसिद्ध फिल्म द एलिफेंट मैन इसी बीमारी से प्रेरित थी जिसमें मुख्य किरदार की शारीरिक बनावट प्रोटियस सिंड्रोम के कारण विकृत हो गई थी।
कुछ बेहद दुर्लभ मामलों में लोगों की त्वचा का रंग नीला हो जाता है। यह आमतौर पर एक आनुवंशिक स्थिति है जैसे कि मेथेमोग्लोबिनेमिया जिसमें खून में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता प्रभावित होती है और त्वचा नीली दिख सकती है। केंटुकी के ब्लू फुगेट परिवार की कहानी भी इसी से जुड़ी है, जिनके कई सदस्य पीढ़ियों से नीले रंग की त्वचा वाले थे।
यह एक जन्मजात स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के हाथ या पैर में सामान्य से अधिक उंगलियां या अंगूठे होते हैं। आमतौर पर, यह सर्जरी से ठीक किया जा सकता है।
यह एक मनोवैज्ञानिक विकार है जिसे ट्राइकोटिलोमेनिया कहते हैं। इसमें व्यक्ति को अपने बाल नोंचने की एक अनियंत्रित इच्छा होती है, जिसके परिणामस्वरूप सिर पर गंजे धब्बे पड़ जाते हैं। यह तनाव या चिंता का संकेत भी हो सकता है।
यह एक हार्मोनल विकार है जिसमें शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इससे मोटापा, खासकर पेट और चेहरे पर, मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर बैंगनी रंग के निशान दिखाई दे सकते हैं।
FOP एक अविश्वसनीय रूप से दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है जिसमें मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट्स जैसे नरम ऊतक धीरे-धीरे हड्डियों में बदल जाते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, शरीर के जोड़ जमने लगते हैं और व्यक्ति का शरीर पत्थर जैसा कठोर हो जाता है, जिससे हिलना-डुलना लगभग असंभव हो जाता है। यह दुनिया की सबसे दुर्लभ बीमारियों में से एक है, और इसे "दूसरी कंकाल प्रणाली" के निर्माण के रूप में वर्णित किया जाता है।
यह एक अत्यंत दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है जो बच्चों में तेजी से बुढ़ापे के लक्षण पैदा करती है। प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चे सामान्य बच्चों की तुलना में बहुत तेजी से उम्र के लक्षणों को दिखाते हैं, जैसे त्वचा पर झुर्रियां, बाल झड़ना और हृदय रोग। इनकी औसत जीवन प्रत्याशा बहुत कम होती है।
यह एक बेहद दुर्लभ स्थिति है जिसमें चेहरे की हड्डियों की असामान्य वृद्धि होती है जिससे चेहरा शेर के चेहरे जैसा दिखाई देने लगता है। यह अक्सर किसी और बीमारी, जैसे कि क्रानियोफेशियल फाइब्रस डिसप्लेसिया का लक्षण हो सकता है, जहां हड्डियों का असामान्य विकास होता है।
ये बीमारियां हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि जीवन कितना अप्रत्याशित हो सकता है। जहां विज्ञान और चिकित्सा लगातार प्रगति कर रहे हैं वहीं इन दुर्लभ बीमारियों के लिए अभी भी बहुत शोध और समर्थन की आवश्यकता है। क्या आप इनमें से किसी बीमारी के बारे में पहले से जानते थे या यह जानकारी आपके लिए बिल्कुल नई है?
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डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।