Volcanic Ash Side Effects: इथियोपिया के ज्वालामुखी से उठी राख दिल्ली-एनसीआर तक पहुंची। जानें इससे कैसे प्रभावित हो सकती है आपकी सेहत, सांस, आंख और त्वचा पर असर, और बचाव के आसान उपाय।
Volcanic Ash Side Effects: आपने सुना होगा कि इथियोपिया में एक ज्वालामुखी फटा और उसका राख का बादल हजारों किलोमीटर दूर भारत, खासकर दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच गया। सुनने में डरावना लगता है, लेकिन चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं कि असल में क्या हुआ और हमारी सेहत पर इसका क्या असर हो सकता है।
24-25 नवंबर 2025 को इथियोपिया का हाइली गुब्बी ज्वालामुखी अचानक सक्रिय हो गया। इसने हवा में राख, सल्फर डाइऑक्साइड गैस और बहुत छोटे-छोटे चट्टानी कण, ग्लास के टुकड़े उछाले। तेज हवाओं ने इस राख को लाल सागर, अरब सागर के रास्ते उत्तर-पश्चिम भारत तक पहुंचाया। इसका असर दिल्ली-एनसीआर के ऊपर भी दिखा। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। यह राख मुख्य रूप से वातावरण में ऊँचाई पर तैर रही है। फिर भी, इसे समझना और सावधानी बरतना जरूरी है।
यह सामान्य आग की राख जैसी नहीं होती। यह छोटे-छोटे, कठोर, खुरदरे चट्टानी कण, खनिज और ज्वालामुखी ग्लास के टुकड़ों से बनी होती है। ये कण आंख, त्वचा और सतहों को खरोंच सकते हैं। राख में कभी-कभी क्रिस्टलाइन सिलिका भी होती है, जिसे लंबे समय तक सांस के जरिए लेने से फेफड़ों की गंभीर बीमारी, सिलिकॉसिस, हो सकती है। इसके संक्षिप्त संपर्क से खांसी या सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, लाल और खुजली वाली आंखें, सिरदर्द या थकान अधिक मात्रा में सांस लेने पर हल्का मितली जैसा महसूस होना। जो लोग पहले से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या अन्य सांस की बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्हें ज्यादा असर महसूस हो सकता है।
ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर रहें और दरवाजे खिड़कियां बंद रखें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो NIOSH-मानक वाला N95 मास्क पहनें। एयर कंडीशनिंग ऐसे इस्तेमाल न करें जो बाहर की हवा खींचती हो। दरवाजे, खिड़कियां और वेंटिलेशन सिस्टम से राख साफ करें। त्वचा और आंखों से राख धो लें। अगर जलन या खुजली बनी रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें। अत्यधिक राख के संपर्क में आने से गंभीर फेफड़ों की समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन हमारे यहां केवल हवा में तैरती राख है। फिर भी, सही सावधानी बरतकर आंखों, त्वचा और सांस की सुरक्षा की जा सकती है। CDC और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर सतर्क रहना और सुरक्षा उपाय अपनाना सेहत की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है।
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