Vomiting, Pain, Gas or Bloating : पेट की समस्याएं आज हर उम्र में आम हो गई हैं, लेकिन जब ये लंबे समय तक बनी रहें और दवाओं से राहत न मिले, तो चिंता बढ़ जाती है। इस लेख में हम वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. ओम प्रकाश दाधीच के मार्गदर्शन में जानेंगे कि विभिन्न पेट संबंधी तकलीफों का समग्र समाधान आयुर्वेद कैसे प्रदान करता है।
Vomiting, Pain, Gas or Bloating : पेट की गड़बड़ियाँ आजकल हर उम्र और हर वर्ग के लोगों में एक आम शिकायत बन चुकी हैं, लेकिन जब ये समस्याएं महीनों या वर्षों तक बनी रहें और आधुनिक चिकित्सा में स्पष्ट निदान या स्थायी राहत न मिल पाए, तो यह चिंता का विषय बन जाती है। इस लेख में हम डॉ. ओम प्रकाश दाधीच जैसे अनुभवी आयुर्वेदाचार्य के मार्गदर्शन में जानेंगे कि कैसे अलग-अलग व्यक्तियों की पेट की तकलीफों को समग्र दृष्टिकोण से समझकर उचित निदान और उपचार किया जा सकता है।
1. गैस, अपच और पेट का भारीपन:
कई लोगों को खाने के बाद गैस बनना, डकारें आना, पेट में भारीपन और उल्टी जैसा महसूस होना जैसी समस्याएं हो रही हैं। इनमें से कुछ को लंबे समय से यह दिक्कत है, लेकिन सभी जांच सामान्य आई हैं।
उपाय:
2. लगातार पेट दर्द और शौच संबंधी समस्याएं:
कुछ मरीजों को पेट में बाईं ओर या निचले हिस्से में दर्द, बार-बार शौच जाना, या शौच से पहले दर्द जैसी समस्याएं हैं। एक मामले में शौच के साथ खून भी आ रहा है, जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है।
उपाय:
3. बार-बार संक्रमण और पाचन तंत्र की कमजोरी:
कम उम्र के कुछ मरीजों को बार-बार पेट में इंफेक्शन, पाचन शक्ति की कमी, गैस बनने और पेट पर चर्बी बढ़ने जैसी दिक्कतें हैं, जिनमें एंटीबायोटिक दवाएं भी असर नहीं कर रहीं।
उपाय:
त्रिकटु चूर्ण (सौंठ, मरीच, पिप्पली) – सुबह खाली पेट 1/4 चम्मच शहद के साथ लें, पाचन व चर्बी नियंत्रण में सहायक।
आरोग्यवर्धिनी वटी – पाचन और लीवर के लिए उत्तम, 1 गोली दिन में दो बार।
अमृतारिष्ट (Giloy-based tonic) – इम्यूनिटी और संक्रमण से लड़ने के लिए।
गिलोय सत + हल्दी – 1-1 ग्राम शहद के साथ मिलाकर दिन में एक बार लें।