आज के समय में पेशाब (urine problems) का रूक कर आना एक बीमारी बनता जा रहा है। इस समस्या के कारण लाखों लोग परेशान नजर आते हैं। आइए जानते हैं यह समस्या किन बीमारियों के कारण हो सकती है।
Urine Problems : आज के समय में लागों का बिगड़ता खानपान अनेक बीमारियां लेकर आ रहा है। जिसके कारण अनेक गंभीर बीमारियां पनपने लगी है। लोगों इस समय बार - बार पेशाब (Urine problems) करने समस्या आम होती जा रही है। इसको गंभीर माना जाता है लेकिन बात कि जाए तो कुछ मामलों का छोड दिया जाए तो यह इतनी हानिकारक नहीं मानी जाती है। बार बार पेशाब आने की समस्या किसी भी उम्र हो सकता है। यह अपने आप भी ठीक भी हो जाती है।
पथरी: जब ब्लैडर या किडनी में पथरी होती है तो यह समस्या हो जाती है। इसके पीछे का कारण संक्रमण भी हो सकता है। जिसके कारण रूक-रूक कर पेशाब (Urine problems) आने लगता है।
ब्लैडर सिंड्रोम: ब्लैडर सिंड्रोम होने पर मूत्राशय में बार-बार संकुचन होने के कारण पेशाब रुक-रुक कर आने लगता है। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक होता है।
यूटीआई: यूटीआई एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो मूत्र क्षेत्र में संक्रमण के कारण उत्पन्न होता है, जिससे पेशाब में रुकावट आने लगती है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
ब्लैडर में सूजन: महिलाओं के मूत्राशय में सूजन होने के कारण रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह स्थिति यूरिन संक्रमण का संकेत भी हो सकती है।
डायबिटीज: शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से बार-बार और असामान्य रूप से पेशाब आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके अतिरिक्त, न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण भी ब्लैडर पर प्रभाव पड़ता है, जिससे पेशाब करने में कठिनाई होती है।
मेनोपॉज या हार्मोनल चेंज: महिलाओं में यह समस्या हार्मोनल असंतुलन और मेनोपॉज के बाद भी उत्पन्न होती है। इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर घट जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पेशाब में रुकावट आती है।
यदि आप रूक रूक कर पेशाब (Urine problems) आने कि समस्या से परेशान है तो आपको इसके लिए कुछ सावधानियां रखनी चाहिए जैसे स्पाइसी फूड के सेवन से बचें, खूब पानी पिएं, रेगुलर एक्सरसाइज करें, स्वस्थ आहार खाएं, कॉफी इनटेक पर ध्यान दें, साफ-सफाई का ध्यान दें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।