Blood Cancer Treatment : एमपी में स्थित भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी इंदौर ने ब्लड कैंसर के इलाज के लिए नई दवा तकनीक विकसित की है। इससे ब्लड कैंसर के मरीजों का प्रभावी और सुलभ इलाज संभव होगा।
Blood Cancer Treatment :मध्य प्रदेश में स्थित देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर ने ब्लड कैंसर यानी ल्यूकेमिया के मरीजों के इलाज के लिए एक नई दवा तकनीक विकसित कर ली है। ये तकनीक एल-एस्पेरेजिनेज (एक तरह का प्रोटीन, जिसका इस्तेमाल ल्यूकेमिया के इलाज में कीमोथेरेपी दवा के रूप में होता है) का नया इंजीनियर्ड वर्जन कहा जा रहा है। दवा एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल) के इलाज पर केंद्रित है। ये बीमारी खून का एक गंभीर कैंसर है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करती है, इनमें खासकर बच्चे और युवा शामिल हैं।
बता दें कि, एएलएल नामक इस गंभी बीमारी के इलाज में फिलहाल एल-एस्पेरेजिनेज़ नामक दवा दी जाती है, लेकिन इसके इस्तेमाल से बड़ी समस्या है कि मौजूदा दवाओं के उपयोग से मरीजों को कई गंभीर दुष्प्रभाव झेलने पड़ते हैं। इनमें लिवर डैमेज, एलर्जी और नर्वस सिस्टम की गड़बड़ियां शामिल हैं। ऐसे में खासकर बच्चों के लिए इसका इलाज बेहद कठिन होता है। आईआईटी के अधिकारियों के मुताबिक, इस तकनीक को अब डीके बायोफार्मा को सौंपा गया है, ताकि दवा का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर जल्द से जल्द संबंधित मरीजों को उपलब्ध कराई जा सके।
ब्लक कैंसर की इस दवा को आईआईटी इंदौर के बायोसाइंसेज एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग ने प्रो. अविनाश सोनवणे और उनकी टीम ने तैयार की है। उन्होंने इस पर महीनों तक रिसर्च किया है। दवा को क्लिनिकल टेस्ट में अधिक सुरक्षित और असरदार पाया है। इसमें दुष्प्रभाव बहुत कम हैं, जिससे मरीज ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।
क्लिनिकल रिस्र्च में ये दवा 85 फीसदी से अधिक ल्यूकेमिया कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम पाई गई है। प्रो. सोनवणे ने बताया कि यह शोध अब तकनीक हस्तांतरण के स्तर तक पहुंच गया है। डीके बायोफार्मा के साथ साझेदारी से यह संभव होगा कि ज्यादा से ज्यादा मरीज खासकर बच्चे और युवाओं को दवा मिल सके। ताकि बीमारी से लड़ने के लिए अच्छे से इलाज किया जा सके।
इंदौर आईआईटी के निदेशक प्रो. सुहास जोशी का कहना है कि, शोध करने का उद्देश्य हमेशा लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। दवा के क्लिनिकल टेस्ट हुए है। रिजल्ट अच्छे मिले हैं। दवा का उत्पादन करने के लिए कंपनी से अनुबंध हुआ है। यह कदम ल्यूकेमिया के इलाज को और आसान और सस्ता बनाना है। ताकि अच्छे से इलाज हो सके।