MP News: प्रदेशभर के क्रेशर मालिकों ने सीएम की समझाइश के बाद हड़ताल तो खत्म कर दी, लेकिन क्रेशर से बनने वाले जरूरी सामान को महंगा कर दिया है। इसके बाद अब आपके लिए आपके सपनों और खुशियों का आशियाना भी अब और महंगा हो गया है... यहां देखें नई रेट लिस्ट...
MP News: मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदेश के क्रशर मालिकों ने 14 दिन बाद हड़ताल खत्म करने के साथ नई कीमतें भी लागू कर दी हैं। प्रति बड़े डंपर पर दो से तीन हजार रुपए की बढ़ोतरी की गई है। साथ ही खरीदार को ही अब रॉयल्टी व टोल भी अलग से चुकाना होगा। इसका सीधा असर भवन निर्माण की लागत पर पड़ने वाला है।
क्रेशर मशीनें बंद होने से विकास कार्यों और भवन निर्माणों पर असर होने लगा था। मटेरियल नहीं होने से ठेकेदार कंपनियों ने काम रोक दिया था। इसके चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने द स्टोन क्रशर वर्कर एसोसिएशन एमपी के पदाधिकारियों को मिलने का समय दिया। समझाइश के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हरितपाल सिंह व सचिव अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि क्रशर मशीन से बनने वाली 20 व 10 एमएम की गिट्टी, धूला चूरा और एमसेंड में 100 से 150 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर की बढ़ोतरी की गई है। सभी जिलों में दाम बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ है, लेकिन अपनी-अपनी दर तय करने की छूट दी गई है। इसके साथ रॉयल्टी व टोल टैक्स भी मटेरियल बुलवाने वालों को अलग से देना होगा।
20 क्यूबिक मीटर की गाड़ी में गिट्टी पर अब दो से तीन हजार रुपए अधिक चुकाने होंगे। खनिज विभाग ने गिट्टी व उससे जुड़ी सभी सामग्री की रॉयल्टी 165 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर तय कर रखी है। 10 मीटर की गाड़ी पर 1650 तो 20 मीटर की गाड़ी पर 3300 रुपए अब खरीदार को देने होंगे। सीधा असर निर्माण लागत पर पड़ेगा, क्योंकि सरकारी प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर एमसेंड (पत्थर की रेत) का उपयोग हो रहा है। जिन वाहनों के पुराने रेट तय थे, उन्हें छोड़कर रविवार 15 जून से नए रेट लागू हो गए।
मटेरियल नए रेट - पुराने रेट (रुपए में)
20 एमएम - 850 - 650 से 700
10 एमएम - 650 - 550 से 600
डस्ट (धूला चूरा) - 900 - 750 से 800
एमसेंड (पत्थर की रेत) - 1500 - 1250 से 1350