politics heatup on NOTA : लोकसभा चुनाव 2024 में इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नाम वापस लेने के बाद यहां से उठे राजनीतिक तूफान ने देशबर की सियासत को गर्मा दिया है। एक तरफ कांग्रेस ने NOTA को लेकर अभियान छेड़ रखा है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर-संघ संचालक मोहन भागवत का बयान प्रचारित कर रही है।
देश के सबसे स्वच्छ शहरों के सिरमौर इंदौर में लोकसभा चुनाव 2024 ( loksbah election 2024 ) में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ( akshay kanti bum ) के नाम वापस लेने के बाद राजनीति करवट ले रही है। यहां नोटा ( NOTA ) को लेकर अभियान छिड़ा हुआ है। क्या ऑटो-क्या ई-रिक्शा, चाय टपरियों में भी राजनीति पर चर्चा गरम है। कांग्रेस यहां अपने नोटा अभियान ( NOTA Campaign ) का प्रचार कर रही है तो भाजपा की चिंता बढ़ गई है। इससे भाजपा के दिग्गज नोटा के नुकसान गिना रहे हैं तो कांग्रेस चाय टपरियों में नोटा चाय पिला रही है। वोटरों को समझाने के लिए अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर-संघ संचालक मोहन भागवत ( RSS chief mohan bhagwat ) को भी आगे आना पड़ा है। भाजपा उनके संदेश का सोशल मीडिया ( Social media ) में प्रचार कर रही है।
मध्य प्रदेश के इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम की नाम वापसी के बाद वे भाजपा में तो आ गए, लेकिन इसके बाद कांग्रेस का नोटा अभियान पार्टी को अब परेशान कर रहा है। यह परेशानी ऐसी है कि भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुमित्रा महाजन ने भी अक्षय के नाम वापसी और भाजपाई बनने के कदम को गैरजरूरी बताया। उन्होंने कहा था कि उनके पास जो फोन आ रहे हैं, उनमें नोटा को वोट देने की बात कही जा रही है। हालांकि महाजन उन्हें समझा रही हैं। अंदरखेमे में अब चर्चा है कि पार्टी के दांव उल्टे न पड़ जाएं।
नोटा पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बयान भी आया है। उन्होंने कहा, नोटा का विकल्प हमारे हित में नहीं है। उपलब्ध प्रत्याशियों में से जो सर्वाधिक योग्य लगे, उसे मत देने में ही समझदारी है। भागवत के इस बयान का भाजपा जोर-शोर से प्रसार कर रही है। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और मोहन कैबिनेट के मिनिस्टर और इंदौर विधायक कैलाश विजयवर्गीय समेत भाजपा के कई नेता इस बयान को सोशल मीडिया में साझा कर रहे हैं।
भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने इंदौर भाजपा के नेताओं की बैठक बुलाई। इसमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, डिह्रश्वटी सीएम जगदीश देवड़ा, लोकसभा प्रत्याशी शंकर लालवानी, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय व तुलसी सिलावट शामिल हुए। बैठक में नोटा की मुहिम को कमजोर करने पर रणनीति बनाई गई। हालांकि, नेताओं ने इससे इंकार किया।
इधर, जबलपुर हाईकोर्ट की युगल पीठ ने मतदान अनिवार्य करने की मांग वाली याचिका रद्द कर दी। कोर्ट ने कहा, मतदान करना है या नहीं, यह नागरिकों की स्वतंत्रता का विषय है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि, कांग्रेस के अध्यक्ष इंदौर की जनता को नोटा पर वोट डालने के लिए कह रहे हैं। ये लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास है। जनता को यह समझना है कि कांग्रेस लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा चुनौती दे रही है। इस राजनीतिक माफिया से लड़ना होगा। ये लड़ाई लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ है। इंदौर के लोगों के सामने कई विकल्पों में नोटा भी है। नोटा दबाकर संदेश देना चाहिए कि, ये कृत्य गलत है।
-देवास ----------0.51-----------0..63
-उज्जैन----------0.61-----------0.81
-मंदसौर---------0.54------------0.53
-रतलाम---------1.91-----------1.78
-धार--------------1.00----------0.93
-इंदौर------------0.21-----------0.28
-खरगोन--------1.00------------1.30
-खंडवा---------0.84-------------0.97