Income Tax Returns: दिसंबर करदाताओं के लिए चेतावनी का महीना है। आयकर और GST की अहम डेडलाइन्स इसी महीने तय हैं। एक भी रिटर्न या भुगतान मिस करना सीधे नोटिस, पेनल्टी और ब्याज का कारण बन सकता है।
Tax Returns Deadlines: करदाताओं के लिए दिसंबर का महीना बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आयकर और जीएसटी विभाग के कई अहम रिटर्न (Income Tax Returns) और पेमेंट इसी महीने की अंतिम तिथियों के साथ निर्धारित है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के अनुसार, इस महीने का एक भी टैक्स या रिटर्न मिस होना सीधे तौर पर नोटिस, लेट फीस, ब्याज और पेनल्टी का कारण बन सकता है।
इंदौर के सीए दीपक माहेश्वरी ने बताया दिसंबर का महीना टैक्स अनुपालन के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी अवधि में आयकर और जीएसटी दोनों के कई वार्षिक और तिमाही दायित्व पूरे करने होते हैं। समयसीमा में रिटर्न और टैक्स के भुगतान से न केवल ब्याज व दंड से बया जा सकता है, बल्कि भविष्य में किसी भी जांय या नोटिस की संभावना कम हो जाती है। इसलिए करदाता अपने सभी टैक्स दायित्व तय समय सीमा में पूरा करें। (mp news)
10 दिसंबरः आयकर ऑडिट रिटर्न की अंतिम तिथि
जिन करदाताओं का ऑडिट हो गया है व्यवसाय, प्रोफेशन, कंपनियां, पार्टनरशिप फर्म, उन्हें आयकर रिटर्न आइटीआर 10 दिसंबर तक फाइल करना होगा। डेडलाइन मिस होने पर भारी लेट फीस, ब्याज और कई मामलों में विभाग का नोटिस भी आ सकता है।
15 दिसंबरः तीसरी किस्त का एडवांस टैक्स
जिन व्यक्तियों या व्यवसायों की सालभर की टैक्स देनदारी 10 हजार से ज्यादा है उन्हें एडवांस टैक्स देना होता है। इसकी तीसरी किस्त की आखिरी तारीख 15 दिसंबर है। समय पर भुगतान न करने पर 1 फीसदी प्रतिमाह व्याज पारा 234सी लागू हो जाता है। पिछले साल एडवांस टैक्स में हुए बड़े अंतर से कई करदाताओं को प्रपत्र मिले थे, इसलिए इस बार विभाग विशेष निगरानी में है।
31 दिसंबरः GSTR-9, , GSTR-1C, जीएसटी एनुअल रिटर्न, ऑडिट रिपोर्ट
दिसंबर का आखिरी सप्ताह करदाताओं के लिए सबसे भारी होता है। जीएसटीआर-9 यानि वार्षिक रिटर्न और जीएसटीआर-प्रसी यानि ऑडिटेड करदाता की जीएसटी ऑडिट रिपोर्ट, इन दोनों को 31 दिसंबर तक जमा करना है। यह रिटर्न पूरे वित्तीय वर्ष की जीएसटी गतिविधि का सार है। यदि कारोबार 2 करोड़ से ज्यादा है तो जीएसटीआर-9 आवश्यक है और 5 करोड़ से अधिक है तो जीएसटीआर-प्रसी भी अनिवार्य। देरी पर लेट फीस प्रतिदिन बढ़ती है और भविष्य में नोटिस की संभावना भी रहती है।
31 दिसंबर: रिवाइज्ड और बिलेटेड रिटर्न
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिन करदाताओं ने रिटर्न फाइल किया है. उसमें यदि कोई गलती हो गई हो या रिटर्न फाइल करना भूल गए हो तो करदाता 31 दिसंबर तक उसे रिवाइज्ड कर सकते हैं। इसके बाद करदाताओं के पास विकल्प नहीं बचेगा और उन्हें विभाग के नोटिस और अन्य कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। (mp news)