Indore Contaminated Water Case: मध्य प्रदेश इंदौर जिले के भागीरथपुरा में उल्टी-दस्त से मौतों के मामले में हड़कंप मचा हुआ है, सबसे स्वच्छ शहर में लापरवाही की ऐसी दर्दनाक कहानी बनेगी... किसी ने सोचा भी नहीं होगा.. 7 दिन में मिले लीकेज ने सिस्टम की सारी पोल खोल दी... नये साल से पहले इस इलाके में मातम पसरा है, खूशियां काफूर हो चुकी हैं... काश 'हम' लापरवाह न होते... पढ़ें पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट...
Indore Contaminated Water Case: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के भागीरथपुरा में तीन दिन में दूषित पानी पीने के बाद उल्टी-दस्त का शिकार आठ लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग इसे मानने से इनकार कर रहा है लेकिन परिजन उल्टी-दस्त से तबीयत खराब होने व फिर मौत की बात कह रहे हैं। बड़ा खुलासा ये है कि एक छोटे से लीकेज ने इस क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया। 7 दिन बाद मिले इस लीकेज ने अफसरों की लारपवाही की इंतहा की पोल खोल कर रख दी। इसकी वजह से दूषित हुए पानी से बीमार 110 से ज्यादा प्रभावित लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने गलियों में कैंप लगाए हैं, जिनके माध्यम से लगभग 1100 मरीज उल्टी, दस्त, पेट दर्द की दवा लेकर गए हैं। लोगों के अनुसार 10-12 दिनों से दवा युक्त व गंदा पानी सप्लाई हो रहा था, जिसके कारण यह स्थिति बनी। एक पीड़ित बच्चे की जांच रिपोर्ट में हैजे की पुष्टि हुई है। मामले में सीएम के संज्ञान लेने के बाद अफसर हरकत में आए। दो को निलंबित किया गया है, वहीं एक को सेवा से पृथक कर दिया गया है।
भागीरथपुरा में मंगलवार को मेडिकल कॉलेज व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच अभियान चलाया। हर गली में टीम बैठाई गई व एनएएम व आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों की जानकारी ली। पानी के सैंपल लिए। स्वास्थ्य विभाग ने अन्य क्षेत्रों से भी डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया।
इतने मरीजों की तबीयत बिगडऩे व कुछ की मौत होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सही आंकड़ा जारी नहीं कर रहा। सीएमएचओ ने अभी तक उल्टी-दस्त से किसी की मौत नहीं होने की बात कही है। इधर लोगों में दहशत का माहौल है। इधर नगर निगम टीम ने भी सीवेज लाइन साफ-सफाई अभियान चलाया है।
पुष्टि हुई देर रात भागीरथपुरा में उल्टी-दस्त से मौतों के मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई। विभाग द्वारा मामले में एक पुरुष व दो महिलाओं की मृत्यु की पुष्टि की गई। 70 वर्षीय नन्दलाल पाल, 60 वर्षीय उर्मिला यादव और 65 वर्षीय उमा कोरी की मृत्यु डायरिया से होना बताया।
रिपोर्ट में पुष्टि भागीरथपुरा के मरीजों को निजी अस्पताल सहित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है। चाचा नेहरू अस्पताल में तीन साल का बच्चा भर्ती है, जिसकी जांच के लिए मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायोलॉजी विभाग की लैब में सैंपल भेजे गए थे। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में हैजा की पुष्टि हुई है।
जिस पाइपलाइन में लीकेज मिला है, उसे बदलने के लिए नवंबर में ही टेंडर फाइनल हो चुका था, लेकिन अब तक वर्कऑर्डर जारी नहीं किया गया। इसी कारण ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया। अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की कमी का खमियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ा। इस विभाग का प्रभार अपर आयुक्त रोहित सिसौनिया के पास है। यही वे अधिकारी हैं जिन्होंने पहले ड्रेनेज और नर्मदा लाइन के काम को लेकर महापौर और एमआइसी सदस्यों को करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करवाया था।
मंगलवार शाम जांच में सामने आया कि जिस नर्मदा टंकी से पानी सप्लाई हो रहा था, उससे महज 100 मीटर की दूरी पर भागीरथपुरा पुलिस चौकी के नीचे लीकेज पॉइंट मिला। पहले पदस्थ पुलिस अफसरों ने यहां टॉयलेट का निर्माण किया था, जिसका स्थायी चैंबर नहीं बनवाया, जिससे गंदगी समा गई थी। यहां गलत तरीके से बनाए गए शौचालय से गंदगी नर्मदा लाइन तक पहुंच गई थी। दावा है कि पूरे क्षेत्र की पाइप लाइन की जांच कराई जा रही है।
गोमती रावत: भाऊ गली के राहुल ने बताया, मां को 3 दिन पहले उल्टी-दस्त हुए। अचानक तबीयत बिगड़ी, 28 दिसंबर को जान चली गई।
उर्मिला यादव: ममता ने बताया, 5 दिन पहले उल्टी-दस्त से मां की तबीयत बिगड़ी। क्लॉथ मार्केट अस्पताल में भर्ती किया। 28 दिसंबर को मौत।
ताराबाई: भाऊ गली निवासी अन्नू कोरी ने बताया, 29 दिसंबर को मां की उल्टी-दस्त से तबीयत बिगड़ी। दवाई दी पर 30 दिसंबर को मौत हो गई।
उमा कोरी: मरीज को उल्टी-दस्त की परेशानी थी। परिजन 29 दिसंबर को अरबिंदो अस्पताल लेकर पहुंचे। 29 दिसंबर को मौत हो गई। उल्टीदस्त की समस्या थी।
सीमा प्रजापत: अरुण ने बताया, 29 दिसंबर की रात उल्टी-दस्त से मां की तबीयत खराब हुई। 30 को अस्पताल ले गए। भर्ती करने से पहले मौत हो गई। गली में लगभग 15 दिन से गंदा पानी आ रहा है।
मंजुला दिगंबर वाडे: गणेश मंदिर की योगिता के घर 10 दिन से गंदा पानी आ रहा है। बोली, मां को 29 दिसंबर को अरबिंदो में अस्पताल में भर्ती किया। अगले दिन मौत हो गई।
संतोष बिंगोलिया (27) : भागीरथपुरा का संतोष 8 दिन पहले उलटी-दस्त की चपेट में आया था। 25 दिसंबर को मौत हो गई।
भागीरथपुरा वार्ड में पिछले एक सह्रश्वताह से हालात बिगड़े हुए थे। रहवासियों का आरोप है कि वे लगातार पार्षद कमल वाघेला से गंदे पानी की शिकायत कर रहे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मंगलवार को जब स्वास्थ्य शिविर में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे तो वाघेला ने उन्हें डांटते हुए कहा, तुम लोग कहां से आए हो? तुहें तो कभी देखा नहीं? तुम्हें किसी ने भेजा है क्या?
शाम को निगम टीम जब लीकेज स्थल पर खुदाई कर रही थी, तब पार्षद वाघेला गार्डन में झूला झूल रहे थे।
मामले में जोनल अधिकारी जोन-4 शालिग्राम शितोले व प्रभारी सहायक यंत्री (पीएचई) योगेश जोशी को निलंबित किया गया है। वहीं, प्रभारी उपयंत्री (पीएचई) शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया गया है।
जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आइएएस अपर कलेक्टर नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी। समिति में प्रदीप निगम, सु. इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है।