Indore-Mumbai Highway : इंदौर शहर मेट्रो सिटी की तर्ज पर विकसित हो रहा है। इस बीच बड़े शहरों को जोड़ने वाले हाई-वे भी ओवरलोड हो रहे हैं। ऐसे में बायपास के बाद अब इंदौर-मुंबई हाई-वे को 4 की जगह 6 लेन करने की कवायद शुरू हो चुकी है।
Indore-Mumbai Highway : इंदौर शहर मेट्रो सिटी की तर्ज पर विकसित हो रहा है। इस बीच बड़े शहरों को जोड़ने वाले हाई-वे भी ओवरलोड हो रहे हैं। ऐसे में बायपास के बाद अब इंदौर-मुंबई हाई-वे को 4 की जगह 6 लेन करने की कवायद शुरू हो चुकी है। राऊ सर्कल से महाराष्ट्र बॉर्डर तक का इंदौर-मुंबई हाई-वे 4 लेन है। इससे हर दिन 55 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं और हाई-वे छोटा पड़ रहा है। कई बार ट्रैफिक जाम होता है या वाहनों की गति धीमी हो जाती है। एनएचएआइ ने हाई-वे को चौड़ा करने का फैसला लिया है। पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने इसकी मंजूरी दी थी।
सांसद शंकर लालवानी और एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि सड़क की डीपीआर बनाई जा रही है। अनुमोदन के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इसके बाद काम शुरू हो सकेगा।
बांझल ने बताया कि 6 लेन करने के लिए अतिरिक्त जमीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। हाई-वे के मिडियन और आसपास की जमीन का उपयोग किया जाएगा। मालूम हो, एनएचएआइ नई सड़क बनाते समय भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए सड़क चौड़ीकरण के लिए पहले ही जमीन रख लेता है, ताकि आगे समस्या न आए।
ढाई हजार करोड़ खर्च : राऊ सर्कल से महाराष्ट्र बॉर्डर तक 165 किलोमीटर का हिस्सा 6 लेन होना है। इसमें करीब 2500 करोड़ के खर्च का अनुमान है।
एनएचएआइ ने एबी रोड का पीसीयू (पैसेंजर कार यूनिट) 55 हजार से अधिक पाया है। टोल नाकों से कितनी कार, बस, ट्रक निकल रहे हैं, वजन और संख्या के आधार पीसीयू की गणना की जाती है। हर वाहन का पीसीयू निर्धारित है। वाहनों के चलने से रोड डेमेज होने और ट्रैफिक का पता भी लगाया जाता है। निर्धारित से ज्यादा पीसीयू होने पर उसे समायोजित करने सड़क चौड़ी की जाती है या नई सड़क की योजना बनाई जाती है। सड़क(Indore-Mumbai Highway) कब चौड़ी करनी है, इसका निर्धारण पीसीयू से ही होता है। पीसीयू 60 हजार पहुंचने पर मार्ग ओवरलोड माना जाता है।