MP High Court: पहली कक्षा में बच्चों के एडमिशन को लेकर राज्य सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के दो अलग-अलग नियम का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, कोर्ट ने नोटिस देकर 6 सप्ताह में मांगा जवाब...
MP High Court Notice on Age Limit for Class 1 Admissioin: पहली में बच्चों के एडमिशन को लेकर राज्य सरकार व केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अलग-अलग नियमों का मामला हाईकोर्ट (MP High Court) पहुंच गया है। मंगलवार को जस्टिस प्रणय वर्मा की कोर्ट ने सीबीएसई(CBSE), केंद्र और राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा है।
अभिभाषक गौरव छाबड़ा ने बताया, सीबीएसई (CBSE) स्कूलों में 1 अप्रेल से पहले 6 साल की उम्र पूरी करने वाले बच्चों को ही पहली में एडमिशन दिया जा सकता है। दूसरी ओर राज्य सरकार (MP Government) ने मार्च में एक सर्कुलर जारी कर पहली में 30 सितंबर तक छह वर्ष आयु पूरी करने वालों को एडमिशन देने की बात कही है। दोनों नियमों में छात्र की आयु में छह माह का अंतर आ रहा है।
ऐसे में कोई छात्र एक साल पढ़ाई करने के बाद अन्यत्र राज्य में शिफ्ट होता है तो, उसे दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा। यदि किसी छात्र को साढ़े पांच साल की उम्र में स्कूल एडमिशन नहीं दे रहे हैं तो, उस स्थिति में राज्य सरकार नोटिस जारी कर रही है।
उम्र को लेकर केंद्र और राज्य सरकार (Age Limit for Class 1 Admission) के दो नियमों के चलते सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों की स्थिति बिगड़ रही है। इसके चलते सीबीएसई स्कूलों के संगठन एसो. ऑफ यूनाइटेड सीबीएसई स्कूल सोसायटी की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिस पर मंगलवार 15 जुलाई को सुनवाई हुई। इस दौरान दो सरकारों के दो नियमों के कारण आने वाली परेशानी को कोर्ट के समक्ष रखा गया।
जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार के शिक्षा सचिव, अध्यक्ष सीबीएसई बोर्ड, मप्र राज्य सरकार, संचालक राज्य शिक्षा केंद्र और इंदौर के जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर मामले में छह सप्ताह में जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।