इंदौर

अब नपेंगे ये ‘अफसर’, SIT ने आधा दर्जन अफसरों को किया तलब

MP News: इंदौर के चंदन नगर में गलियों का नाम बदलने और बिना अनुमति बोर्ड लगाने के मामले में विभागीय अफसरों पर शिकंजा कसता जा रहा है। निगमायुक्त द्वारा गठित कमेटी (एसआइटी) ने अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर की देखरेख में जांच शुरू कर दी है।

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Aug 26, 2025
बोर्ड मामले में नपेंगे अफसर (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News: इंदौर के चंदन नगर में गलियों का नाम बदलने और बिना अनुमति बोर्ड लगाने के मामले में विभागीय अफसरों पर शिकंजा कसता जा रहा है। निगमायुक्त द्वारा गठित कमेटी (एसआइटी) ने अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर की देखरेख में जांच शुरू कर दी है। सोमवार को कमेटी ने नगर निगम के यातायात विभाग के मौजूदा और तत्कालीन अफसरों (वैभव देवलासे, राम गुप्ता, मनीषा राणा, विशाल राठौर) और बोर्ड लगाने वाली एजेंसी नीलकंठ इंटरप्राइजेस के ठेकेदार सहित कुछ अन्य को नोटिस जारी कर मंगलवार को बयान के लिए निगम मुख्यालय तलब किया है। सूत्रों के अनुसार, ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।

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ये है पूरा मामला

मालूम हो, पिछले दिनों चंदन नगर के वार्ड क्रमांक 2 में पांच मार्ग संकेतक बदले गए थे। इसका विरोध हुआ तो निगम ने बोर्ड उखाड़ दिए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा था कि बिना अनुमति बोर्ड लगवाए थे। आरोप था कि पार्षद ने ये बोर्ड लगवाए, लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि बोर्ड निगम ने ही ठेकेदार से लगवाए थे और उसका भुगतान भी हो गया। अपर आयुक्त राजनगांवकर ने बताया कि मंगलवार को बयानों के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। जांच रिपोर्ट पांच दिन में निगमायुक्त को सौंपी जाएगी।

बोर्ड और नाम देखने नहीं गए अफसर

पार्षद ने बोर्ड लगाने के लिए निगम में आवेदन किया था। आवेदन पर किसी ने गौर नहीं किया तो पार्षद की ओर से सीधे निगम के यातायात विभाग के अफसरों से संपर्क किया गया। यहां तत्कालीन अधिकारी विशाल राठौर ने संबंधित एजेंसी का नंबर देकर काम करने की अनुशंसा कर दी। अफसरों ने यह भी नहीं देखा कि बोर्ड पर जो नाम लिखे हैं, वह निगम के रिकॉर्ड के अनुसार हैं या नहीं।

समय रहते नहीं की कोई कार्रवाई

कुछ दिन पहले बोर्ड का विरोध होने की जानकारी अपर आयुक्त नरेंद्र नाथ पांडेय तक पहुंची। निगम की टीम बोर्ड हटाने पहुंची तो विरोध हुआ। पांडेय ने जनप्रतिनिधि को भरोसे में लेकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से मामला सोशल मीडिया तक पहुंच गया। निगम पहले पार्षद पर हमलावर था, लेकिन अब पार्षद को छोड़कर अफसरों की घेराबंदी शुरू हो गई है।

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Published on:
26 Aug 2025 11:25 am
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