MP Weather Update: मध्यप्रदेश में एक बार फिर एक्टिव हुआ मानसून, पकड़ी रफ्तार, इंदौर-भोपाल में बादलों के साथ हल्की बारिश, जबकि मंगलवार 9 सितंबर से कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें एमपी मौसम का ताजा अपडेट और किसानों पर क्या रहेगा असर
MP Weather: सितंबर का दूसरा सप्ताह शुरू हो गया है। लेकिन मानसून ने इस बार सरप्राइज कर दिया है। मानसून सीजन में मध्यप्रदेश में एक बार फिर अपनी आमद दर्ज कराई है। जुलाई-अगस्त की कमी को पूरा करने के बाद अब सितंबर की बरसात पूरे प्रदेश को तर-बतर कर रही है।
-सोमवार सुबह घने बादल छाए रहे, तापमान लगभग 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान।
-रविवार को हुई मामूली बूंदाबांदी के बाद तापमान गिरा था और नमी का स्तर 85% तक दर्ज किया गया।
-पिछले तीन दिनों में इंदौर की बारिश ने औसत से ज्यादा आंकड़ा छू लिया है। अब तक यहां 857 मिमी से ज्यादा पानी गिर चुका है, जो सामान्य से लगभग 55 मिमी ज्यादा है।
मौसम वैज्ञानिकों (IMD) का कहना है कि अगले 48 घंटे में इंदौर संभाग में कई जिलों में छिटपुट बारिश दर्ज की जा सकती है। यहां गरज-चमक का सिलसिला जारी रहेगा।
--भोपाल में सोमवार को आंशिक धूप और बीच-बीच में हल्की बारिश की संभावना है।
--अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान।
मौसम विभाग का अनुमान है कि मंगलवार से राजधानी भोपाल में भी गरज-चमक के साथ तेज बारिश का दौर शुरू हो सकता है। भोपाल संभाग में भोपाल, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद और सीहोर में अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मंगलवार 9 सितंबर से मध्यप्रदेशके पूर्वी और दक्षिणी जिलों में तूफानी बारिश हो सकती है। जबलपुर, शहडोल, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा और रतलाम में गरज-चमक के साथ तेज पानी गिरने के आसार हैं। वहीं नर्मदापुरम और रीवा संभाग में नदियां पहले ही उफान पर हैं, ऐसे में नई बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी इलाकों में बारिश खरीफ फसल (सोयाबीन और धान) के लिए वरदान है, लेकिन भारी बारिश के चलते जलभराव वाले खेतों वाले किसानों के लिए ये नुकसानदेह साबित हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस साल मानसून 2025 की पीक एक्टिविटी सितंबर में देखने को मिल रही है। जुलाई और अगस्त में बारिश सामान्य से कम रही थी। लेकिन सितंबर ने अब तक रिकॉर्ड स्तर तक बारिश दी है, जिससे न केवल किसानों को राहत मिली है बल्कि, बड़े बांधों का जलस्तर भी बढ़ा है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर अगले 10 दिन इसी तरह बारिश का दौर जारी रहा, तो इस बार मध्य प्रदेश में मानसून सीजन में होने वाली बारिश का बैलेंस इस बार सामान्य से काफी ऊपर जा सकता है।
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