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क्या आप भी घंटों बैठे रहते हैं? हो जाएं सावधान! लिवर हो रहा खराब, जानें बचाव के ये तरीके

MP News: मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रहे फैटी लिवर के मरीज, नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर के अब तक लाखों लोगों की स्क्रीनिंग, 41 हजार संभावित मामले आए सामने, जानें कैसे पहचानें, कैसे करें बचाव...

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MP News: पत्रिका (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: अगर आपकी जॉब या व्यापार की प्रकृति लगातार 6-8 घंटे या उससे भी अधिक बैठककर काम करने है तो सावधान हो जाइए ! लगातार सिटिंग लोगों को फैटी लिवर का मरीज बना रही है। जिले में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (Fatty Liver) की अब तक सवा दो लाख लोगों में स्क्रीनिंग की गई। 41 हजार संभावित सामने आए हैं। कमर का घेरा भी निर्धारित मानकों से ज्यादा पाया गया है। गैस्ट्रोलॉजिस्ट और लिवर सर्जन के अनुसार लगातार बैठकर काम लाखों परिवार संकट से बाहर रहेंगे।

लिवर में जमा होने लगती है फैट

गैस्ट्रोलॉजिस्ट और लिवर सर्जन के अनुसार लगातार बैठकर काम करने से पेट के हिस्से की एक्सरसाइज नहीं होती। इससे कैलोरी बर्न नहीं हो पाती है। यह लिवर में फैट के रूप में जमा होने लगती है। ये अतिरिक्त फैट लिवर को ठीक वैसे ही नुकसान पहुंचाता है, जैसे अल्कोहल। शुरुआत में इसके लक्षण समझ नहीं आते।

बाद में लिवर हो जाता है सख्त, फिर होती है लिवर सिरोसिस जैसी जानलेवा बीमारी

बाद में पीड़ित में पाचन तंत्र से संबंधित समस्याएं बढऩे लगती हैं। मुलायमपन खोने से लिवर सख्त होकर सिकुडऩे लगता है और फिर लिवर सिरोसिस की समस्या हो जाती है। जिसमें लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लिवर से बचाव के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि, स्वस्थ आहार और वजन नियंत्रण महत्वपूर्ण हैं।

एक्सरसाइज नहीं होती तो, लिवर को नुकसान पहुंचाती है फैट

नॉन क्युनिकेबल डिसीज स्क्रीनिंग प्रोग्राम से हो रही मरीजों की पहचान