NSA Invoked on Indore Congress Councillor: कलेक्टर आशीष सिंह ने लगाई रासुका, हिंदू युवतियो से शादी कर धर्मपरिवर्तन करवाने पर इनाम देने का है मामला, जानें क्या है NSA या RASUKA, क्यों पड़ती है इसकी जरूरत...
NSA Invoked on Indore Congress Councillor: फरार चल रहा कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी उर्फ डकैत पर कलेक्टर आशीष सिंह ने रासुका (NSA Invoked Indore Congress Councillor) लगाई है। कादरी पर 18 मुकदमे दर्ज हैं। वो लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है।
हाल ही में हिंदू युवतियों से शादी कर धर्म बदलने (Religion Conversion Case)पर युवकों को इनाम देने का मामला सामने आया था। कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से बड़ी कार्रवाई करते हुए अनवर कादरी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) में निरुद्ध करने का आदेश जारी किया।
कादरी को लेकर हाल ही में इंदौर आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए बयान जारी किया था। कहा था कि डकैत हो या उसका बाप, प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगा।
रासुका का अर्थ है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, जिसे अंग्रेजी भाषा में NSA भी कहा जाता है। भारत में यह कानून (Law) राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security), सार्वजनिक व्यवस्था और आवश्यक सेवाओं को प्रभावित करने वाले मामलों से निपटने के लिए तथा सरकार को महत्वपूर्ण शक्तियां (Power) प्रदान करने के लिए किया जाता है। 1980 में भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू किया गया था।
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका), एक बहुत ही सख्त कानून माना जाता है। इस कानून के तहत यदि सरकारों को किसी व्यक्ति से देश में खतरा महसूस होता है तो, उसे बिना किसी आरोप के हिरासत (Custody) में लिया जा सकता है।
NSA की फुल फॉर्म National Security ACT है। इसे हिन्दी में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या रासुका के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA Act उन लोगों पर लागू किया जाता है जो, देश की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए किसी भी प्रकार का खतरा बनते हैं। इसका मतलब है कि सरकार को किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा के लिए खतरा महसूस हो रहा है, तब उस व्यक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम या रासुका लागू कर दिया जाता है। किसी व्यक्ति पर एनएसए एक्ट लागू होने के बाद उसे बिना किसी परीक्षण (Trial) और आरोप के गिरफ्तार (Arrest) करके 3 महीने तक बिना जमानत दिए हिरासत में रखा जा सकता है। इसके बाद 3-3 महीने के तहत अधिकतम 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है।