MP News : 11 साल के बीमार बेटे को अपनों ने ही सड़क पर छोड़ा। महाकाल संस्था के सदस्यों ने बच्चे को एमवायएच में भर्ती कराया। चिकित्सकीय परीक्षण में बच्चे की दोनों किडनी खराब पाई गईं। सड़क पर तकलीफ से कराहते हुए भी वो सिर्फ अपनी मां को याद कर रहा था।
MP News : मध्य प्रदेश के आर्थिक नगर इंदौर में मानवता को शर्मसार कर देने का मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक 11 साल के मासूम बच्चे को उसी के परिजन सड़क किनारे छोड़ गए। उन्हें ये भी फिक्र नहीं कि, अब उनका बेटा किस हाल में होगा। सड़क से गुजर रहे सामाजिक संस्था के सदस्यों ने बच्चे को देखा तो उनका भी दिल दहल गया। बच्चे के हाथ-पैर में सूजन नजर आई। वो सिर्फ इतना बता पाया कि घरवालों ने छोड़ दिया। सदस्य उसे एमवायएच लेकर आए जहां इलाज चल रहा है।
महाकाल संस्था के जय्यू जोशी, करीम पठान और अजय नागड़ा का कहना है कि, 6 दिन पहले मूसाखेड़ी क्षेत्र से गुजर रहे थे तभी सड़क किनारे बच्चा नजर आया। स्थिति असामान्य लगने पर उसके पास गए। हाथ-पैर में सूजन दिखी तो उसे एमवायएच ले आए। उप अधीक्षक डॉ. जेके वर्मा को बताया गया। उन्होंने बच्चे की जांच कराई तो क्रिएटिनिन स्तर सामान्य से दोगुना मिला। अन्य जांच में दोनों किडनी खराब होने की जानकारी लगी। पिछले चार दिन से डायलिसिस हो रहा है, जिसके बाद हालत में थोड़ा सुधार है।
डॉक्टर्स ने बताया, जब उसे दर्द होता है वह मां को याद करता है। उसने नर्सिंग स्टाफ के पूछने पर बताया कि पिता अब दुनिया में नहीं है। मां ने भी उसे छोड़ दिया है। डायलिसिस यूनिट इंचार्ज निकिता यादव ने बताया, शुरू में वह दुखी रहता था। अब हम सभी बच्चे का ख्याल रख रहे हैं, जिससे उसे थोड़ा सुकून मिलता है।
अस्पताल में भर्ती करत समय उसके ब्लड में हीमोग्लोबिन का स्तर 5 था। इलाज के दौरान उसे ब्लड भी चढ़ाया गया। अब हीमोग्लोबिन का स्तर 9 तक पहुंच गया है। यूरिया व क्रिएटिनिन का स्तर भी कम हुआ है। अल्ट्रा फिल्ट्रेशन बहुत कम रखकर डायलिसिस किया जा रहा है। संस्था के सदस्यों ने बताया, बच्चे का एक भाई व मां है। परिवार झुग्गी में रहता था। हम परिवार को खोज रहे थे। अब उनकी जानकारी मिली है। उन्हें बेटे से मिलवाने लाएंगे।
एमवायएच के उप अधीक्षक डॉ. जेके वर्मा ने बताया कि, बच्चे की स्थिति ठीक है। अब उसने बात करना भी प्रारंभ किया है। उसका कोई अटेंडर नहीं है, डॉक्टर्स सहित नर्सिंग स्टाफ उसकी पूरी मदद कर रहा है।