MP News: MPPSC परीक्षा युवाओं के लिए कभी ‘ड्रीम जॉब’ थी। अब तनाव का कारण बन गई है। परीक्षाओं में देरी से युवा ओवरऐज हो रहे हैं। आर्थिक और मानसिक रूप से टूट रहे हैं।
MPPSC: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा को लेकर युवाओं का भरोसा टूट रहा है। 2019 में 571 पदों के लिए 3.66 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। 2025 में संख्या घटकर मात्र 1.18 लाख रह गई, जबकि इस बार पदों की संख्या 158 है। परीक्षा युवाओं के लिए कभी ‘ड्रीम जॉब’ थी। अब तनाव का कारण बन गई है। परीक्षाओं में देरी से युवा ओवरऐज हो रहे हैं। आर्थिक और मानसिक रूप से टूट रहे हैं।
1- परीक्षाएं, चयन प्रक्रिया कातय समय पर पूरा न होना।
2- 13त्न रिजल्ट होल्ड पर रखना
3- कॉपियों की पारदर्शिता पर शक।
4- इंटरव्यू में मनमाने नंबर का आरोप।
5- आवेदन की कम समय-सीमा।
रीवा के अभिषेक चौहान 2018 से एमपीपीएससी(MPPSC Exam) की तैयारी कर रहे थे। 2020 में प्रीलिम्स क्लियर हुआ। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में बार-बार देर होती रही। 2024 में 2020 की फाइनल सूची आई, तब तक वे तीन बार उम्र सीमा पार कर चुके थे। अब रीवा में बच्चों को होम ट्यूशन दे रहे हैं। वे कहते हैं कि घरवालों ने सोचाथा बेटा डिप्टी कलेक्टर बनेगा, अब होम ट्यूशन पढ़ा रहा हूं।
शहडोल की निधि पटेल ने बताया, सात साल तक परीक्षा की तैयारी की। जब रिजल्ट आया तो शादी हो चुकी थी। नौकरी का विकल्प खत्म हो गया। निधि ने 2017 में ग्रेजुएशन के बाद एमपीपीएससी की तैयारी शुरू की थी। 2019 की परीक्षा में मेन्स दिया। फाइनल रिजल्ट 2023 में आया। इस बीच परिवार ने शादी कर दी। अब वे ना आगे की पढ़ाई कर पा रही हैं और ना अपने सपने को पूरा कर पा रही हैं।