Mp news: रेलवे ने 11274 प्रयागराज-इटारसी पैसेंजर का नाम बदलकर प्रयागराज छिवकी इटारसी एक्सप्रेस कर दिया है।
Mp news: रेलवे की दो पैसेंजर ट्रेनों का रेलवे ने नाम बदलकर एक्सप्रेस कर दिया। हालांकि अब भी उनका संचालन पैसेंजर ट्रेन की तरह ही हो रहा है। जिसकी वजह से यात्री परेशान होने के साथ ही खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 19014 कटनी भुसावल एक्सप्रेस पहले पैसेंजर ट्रेन थी। जिसे कोविड के बाद रेलवे ने एक्सप्रेस तो बना दिया, लेकिन उसका संचालन अब भी पैंसेजर ट्रेन की तरह ही हो रहा है।
ट्रेन के कटनी से छूटने का समय रात 11.50 बजे है। ट्रेन के सुबह 10.20 बजे इटारसी और इसके बाद शाम 6.35 बजे भुसावल पहुंचने का समय निर्धारित है, लेकिन ट्रेन पैसेंजर की तरह चलने की वजह से कई घंटे देरी से इटारसी और भुसावल स्टेशन पर पहुंचती है। ट्रेन में स्लीपर और थर्ड एसी कोच लगाए गए हैं। जिसका किराया अन्य सभी एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह ही है। पीआरओ नवल अग्रवाल ने बताया कि यह पॉलिसी मेटर है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएंगे।
यात्री अभिषेक कुमार ने बताया कि 19014 कटनी-भुसावल एक्सप्रेस से हरदा जाने के लिए रिजर्वेशन कराया था। इस ट्रेन में रिजर्वेशन मिल रहा था। इटारसी से ट्रेन का समय सुबह 11.53 बजे हरदा पहुंचना दिखा रहा था। ट्रेन में सुबह 10.40 बजे सवार होने के बाद ट्रेन छह स्टेशनों पर रुकी। ट्रेन एक घंटे देरी से हरदा पहुंची थी। जबकि अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों में यह सफर करीब एक घंटे में तय होता है।
रेलवे ने 11274 प्रयागराज-इटारसी पैसेंजर का नाम बदलकर प्रयागराज छिवकी इटारसी एक्सप्रेस कर दिया है। इस ट्रेन का हाल भी अन्य पैसेंजर ट्रेनों की तरह है। जबलपुर से इटारसी के बीच यह ट्रेन सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर रुककर चलती है। जबलपुर से इटारसी के बीच यह ट्रेन 20 स्टेशनों पर रुककर चलती है।
रेलवे टाइम टेबिल के मुताबिक यह सफर ट्रेन 5.55 मिनट में तय करती है, जबकि यह ट्रेन शनिवार को जबलपुर स्टेशन पर अपने निर्धारित समय सुबह 5.25 की बजाय 10.42 बजे आई थी। ट्रेन इटारसी स्टेशन पर सुबह 11.30 बजे के स्थान पर शाम लगभग 5 बजे पहुंची। ट्रेन में सवार यात्री दीपंकर राव, आशीष सिंह ने कहा कि ट्रेन में बैठे-बैठे थक गए। उनका कहना था जब हम किराया एक्सप्रेस का दे रहे है तो ट्रेन को भी एक्सप्रेस ट्रेन की तरह चलाया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।