bali ka bakra : बकरे के लिए जितनी भी कहावतें हैं, सभी उसकी खैर नहीं होने को लेकर ही हैं। लेकिन एक ऐसा बकरा निकला जो उस भीषण हादसे में भी बाल-बाल बच गया
bali ka bakra : बकरे के लिए जितनी भी कहावतें हैं, सभी उसकी खैर नहीं होने को लेकर ही हैं। लेकिन एक ऐसा बकरा निकला जो उस भीषण हादसे में भी बाल-बाल बच गया, जिसमें एसयूवी सवार चार लोगों की मौत हो गई थी। कान कटे इस बलि के बकरे को खरोंच तक नहीं आई। उधर, हादसे के मृत युवक आपस में रिश्तेदार थे, जिनकी एक साथ उठी अर्थी तो सबकी आंखें नम हो गईं।
यह भीषण हादसा गुरुवार को चरगवां थाना क्षेत्र में हुआ था। चौकीताल जबलपुर निवासी 6 युवक का एसयूवी वाहन सोमती नदी पुल के रैंप पर पहुंचते ही अनियंत्रित हो गया और रेलिंग तोड़ते हुए नदी में गिर गया। इस हादसे में चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य गंभीर घायलों का इलाज मेडिकल अस्पताल में चल रहा है। चरगवां थाना प्रभारी अभिषेक प्यासी के अनुसार यह सभी युवक मन्नत पूरी होने के बाद गोटेगांव के एक आश्रम दर्शन के लिए गए थे। एसयूवी वाहन से वे प्रतीकात्मक बलि के लिए बकरा लेकर गए थे। लौटते समय वह बकरा भी वाहन में था। लेकिन भीषण हादसे के बाद भी बकरा बच गया। जिसको लेकर हर तरफ चर्चा है।
हादसे के शिकार युवकों में से एक को छोडकऱ बाकी सभी हमउम्र थे। शुक्रवार को पोस्टमार्टम बाद जब एक साथ अर्थी उठी तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। उनका लम्हेटा घाट में अंतिम संस्कार किया गया। महेन्द्र की पत्नी सपना और बेटे शिवाय व हर्ष, किशन की पत्नी प्रीति और बेटे प्रशांत और किस्सू, राजेन्द्र की पत्नी रश्मि और बेटे अनिल व शिवा बार-बार अपनों को पुकार रहे थे। सागर की मौत ने उसके पिता राजेश को बुरी तरह से तोडकऱ रख दिया था। हादसे में मृत महेन्द्र, किशन व राजेंद्र को मुखाग्नि उनके नाबालिग बेटों ने दी। जिसने भी इस दृश्य को देखा तो फफक उठा। वहीं, सागर का अंतिम संस्कार उसके छोटे भाई ने किया।
पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि युवकों ने अच्छी फसल की मन्नत मांगी थी। उसके पूरा होने की खुशी में ही वे गोटेगांव आश्रम गए थे और दर्शन-पूजन के बाद लौट रहे थे। इनमें से चौकीताल निवासी किशन पटेल (35), महेन्द्र पटेल (35), सागर पटेल (17), राजेन्द्र पटेल (36) की मौत हो गई। जितेन्द्र पटेल और मनोज पटेल गंभीर रूप से घायल हैं। बताया गया है कि एसयूवी किशन चला रहे थे, हादसे में उनकी भी मौत हो गई।