फर्जी टिकट पर शिकंजा: रेल यात्रियों के आधार की ऐप से जांच, स्कैन होते ही सामने आएगी कुंडली
Train tickets: ट्रेन में फर्जी आधार कार्ड के सहारे यात्रा करना मुश्किल होगा। रेलवे बोर्ड ने बड़ा कदम उठाते हुए टीटीई को एम-आधार ऐप के जरिए यात्री की पहचान सत्यापित करने का अधिकार दिया है। जबलपुर रेल मंडल में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इससे किसी और के नाम पर नकली आइडी से यात्रा करने वालों पर लगाम लगेगी।
दरअसल कई बार टिकट दलाल फर्जी नामों से टिकट बुक कराकर रख लेते हैं। वे फर्जी आधार कार्ड लेकर यात्रा करते हैं। इस तरह की शिकायत लगातार बढ़ रही है। इस पर रोक लगाने के लिए नया निर्देश जारी किया गया है। टीटीई एम-आधार ऐप से आधार कार्ड पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे। इससे यात्री का नाम, फोटो, जन्मतिथि और पता जैसी संपूर्ण जानकारी टीटीई के मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगी। ऐप ऑफलाइन मोड पर भी कार्य करता है। नेटवर्क न होने पर भी दिक्कत नहीं आएगी।
जबलपुर रेल मंडल में करीब 350 टीटीई स्टॉफ हैं। इन स्टॉफ को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है। कर्मचारियों के मोबाइल पर एम-आधार ऐप इंस्टॉल कराया जाएगा। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को एक निर्देश जारी किया। इसमें एमआधार एप्लिकेशन से यात्रियों का वेरिफिकेशन करने को कहा गया है। बोर्ड ने सभी टीटीई को अपने टैब में एमआधार एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा है।
जबलपुर रेल मंडल में अब मासिक सीजन टिकट की बुकिंग भी यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप के जरिए आसानी से की जा सकेगी। इस सेवा का विस्तार किया जा रहा है। यह पास 150 किलोमीटर तक की दूरी के लिए वैध है। जबलपुर मंडल में हर माह करीब 2.5 लाख यात्री पास बनवाते हैं।
रेल यात्री सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। रेलवे नए आधुनिक तरीकों को अपना रहा है।