E-attendance - मध्यप्रदेश में ई-अटेंडेंस को लेकर कर्मचारियों की खिलाफत बढ़ती जा रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस लागू करने को अब हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
E-attendance - मध्यप्रदेश में ई-अटेंडेंस को लेकर कर्मचारियों की खिलाफत बढ़ती जा रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस लागू करने को अब हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अनेक शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका दायर कहा है कि मोबाइल ऐप से हाजिरी लगाना तकनीकी रूप से बेहद कठिन है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि एप का सर्वर बहुत धीमा है, डाटा पैक खरीदना पड़ता है, गांवों में नेटवर्क की समस्या रहती है, मोबाइल की बैटरी चार्ज रखना भी बड़ी दिक्कत है। वहीं एक शिक्षिका ने थर्ड पार्टी ऐप से निजता सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। इधर सरकार ने कोर्ट को बताया कि 70 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षक ई अटैंडेंस लगा रहे हैं।
प्रदेश में ई अटेेंडेंस विवाद पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और याचिकाकर्ताओं से हलफनामे पर जवाब मांगा है। जस्टिस एमएस भट्टी की सिंगल बेंच ने यह निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 30 अक्टूबर तय की है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों के 27 शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस को चुनौती देते हुए कहा, ‘हमारे शिक्षक’ ऐप से उपस्थिति दर्ज कराना तकनीकी रूप से कठिन है। शिक्षकों ने बताया कि इस एप का सर्वर धीमा है। हमें अपने पैसों से डाटा पैक खरीदना पड़ता है। वहीं ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क ही नहीं मिलता। मोबाइल की बैटरी चार्ज रखने में भी दिक्कत है।
इधर सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि 73 प्रतिशत शिक्षक ई अटैंडेंस लगा रहे हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों से पूछा है कि क्या उन्होंने ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज करने की कोशिश की है! वहीं, राज्य सरकार से उन स्कूलों के आंकड़े पेश करने को कहा है जहां ई-अटेंडेंस व्यवस्था सफलतापूर्वक लागू हुई है।