जबलपुर-निजामुद्दीन श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस 15 और 16 सिंतबर को आगरा केंट स्टेशन तक जाएगी। इसी तरह निजामुद्दीन-जबलपुर श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस 16 और 17 सितंबर को आगरा केंट स्टेशन से शुरू होगी।
IRCTC Train Update : उत्तर-मध्य रेलवे के आगरा मंडल में मथुरा-आगरा खंड में निर्माण कार्य के चलते श्रीधाम एक्सप्रेस को अस्थायी रूप से शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। जबलपुर-निजामुद्दीन श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस 15 और 16 सिंतबर को आगरा केंट स्टेशन तक जाएगी। इसी तरह निजामुद्दीन-जबलपुर श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस 16 और 17 सितंबर को आगरा केंट स्टेशन से शुरू होगी।
रेल प्रशासन ने त्योहार को देखते हुए सीएसएमटी-आसनसोल साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय किया है। ट्रेन 21 अक्टूबर से 11 नवंबर तक प्रत्येक सोमवार को 11.05 बजे सीएसएमटी मुंबई से प्रस्थान कर तीसरे दिन 02.30 बजे आसनसोल पहुंचेगी। इसी तरह वापसी में 23 अक्टूबर से 13 नंवबर तक प्रत्येक बुधवार को 21 बजे आसनसोल से प्रस्थान करेगी और तीसरे दिन 8.15 बजे सीएसएमटी मुंबई पहुंचेगी। यह ट्र्रेन जबलपुर होकर जाएगी।
लाइन बॉक्स की जगह ट्रॉली बैग दिए जाने के रेल प्रशासन के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। लोको पायलटों ने बुधवार को ट्रॉली बैग देने के विरोध में लॉबी में धरना दिया। कहा कि बीस किलो वजन लेकर जाना संभव नहीं है। ट्रेन में चलने वाले लोको पायलट ने इसे ज्यादती करार दिया है। लोको पायलट ने कहा कि रेल प्रशासन बॉक्स ब्वॉय के पद को समाप्त करने की साजिश कर रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डब्ल्यूसीआरइयू के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला, रोमेश मिश्रा ने कहा कि रेल प्रशासन की ओर से लाइन बॉक्स में सुरक्षा व संरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण ड्यूटी के समय उपलब्ध कराए जाते है। जिसका वजन करीब 20 किलो होता है। अब यह सारे उपकरणों को ट्रॉली बेग में रखकर लोको पायलट व ट्रेन मैनेजर को उठाने का कार्य दिया जा रहा है।
कार्य के दौरान लोको पायलट एवं ट्रेन मैनेजर को अधिकतम 72 घंटे के लिए मुख्यालय से बाहर भेजा जाता है, इसलिए लोको पायलट एवं ट्रेन मैनेजर को अपना निजी सामान, कच्चा राशन, कपड़े व पानी की बोतल सहित अन्य सामग्री रखना होता है। इसका वजन करीब 15 किलो हो जाता है।
लाइन बॉक्स बंद होने की स्थिति में करीब 35 किग्रा का वजन स्वयं ढोना पड़ेगा। रेल कर्मियों ने कहा कि बॉक्स ब्वॉय के पद को समाप्त किया जा रहा है। वहीं इस मामले में डब्लयूसीआरएमएस ने भी लोको पायलट का समर्थन किया है। सतीश कुमार, संतोष त्रिवेणी ने कहा कि रेलवे बोर्ड का निर्णय कर्मचारियों के हितों के विपरीत है।