जबलपुर

खर्राटे और मोबाइल से पड़ रही रिश्तों में दरार, अलग अलग कमरों में सो रहे पति-पत्नी

mobile side effects : नींद में खलल रिश्तों में दरारें पैदा कर रहा है। जन्मों का साथ निभाने की कसमें खाने वाले दंपती तक एक दूसरे की कुछ आदतों से परेशान होकर अलग-अलग कमरे में सोने को मजबूर हैं।

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Apr 03, 2025
Lack of sleep and weight gain

mobile side effects : नींद में खलल रिश्तों में दरारें पैदा कर रहा है। जन्मों का साथ निभाने की कसमें खाने वाले दंपती तक एक दूसरे की कुछ आदतों से परेशान होकर अलग-अलग कमरे में सोने को मजबूर हैं। कोई पार्टनर की देर रात तक मोबाइल देखने की आदत से परेशान है तो किसी मामले में साथी के खर्राटे नींदें उड़ा रहे हैं। ऐसे केस मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों के पास पहुंच रहे हैं। जिनमें दपत्ति की काउंसलिंग के साथ उनका संभावित उपचार भी किया जा रहा है। जिससे कि उनका दापत्य जीवन प्रभावित ना हो।

mobile side effects : सावधानी जरूरी

● वजन कम रखें, नियमित व्यायाम करें
● समस्या गंभीर है, तो चिकित्सकीय परामर्श जरूरी

mobile side effects : स्क्रीन की लत व नींद

● स्क्रीन की नीली रोशनी नींद के हारमोन का उत्पादन कम करती है
● लगातार देखने से उत्तेजना होती है

mobile side effects : पति ने पत्नी को सुनाई रिकॉर्डिंग

सिविल लाइन निवासी एक पति की पत्नी की शिकायत है कि वे उसके तेज खर्राटे की आवाज के कारण सो नहीं पाते। पत्नी मानती ही नहीं थी कि उसके खर्राटे बजते हैं। आखिरकार बेटे के साथ मिलकर पति ने पत्नी के खर्राटों की कई दिन तक रिकॉर्डिंग कर सुनाई।

mobile side effects : एक-दूसरे खर्राटे का आरोप

पोलीपाथर के रहने वाले एक दपत्ति में से दोनों एक-दूसरे पर रात में तेज खर्राटे का आरोप लगाते हैं। उनका कहना है कि इसी बात पर अक्सर दोनों की लड़ाई भी हो जाती है। ऐसे में दोनों ने अलग कमरे में सोना तय किया।

mobile side effects : अचानक खुल जाती है नींद

तिलहरी की रहने वाली एक महिला का कहना है कि नींद के दौरान उनके पति की तेज खर्राटे की आवाज आती है। इसके कारण उसकी नींद खुल जाती है। फिर वह रातभर नहीं सो पाती, इसके कारण उसे दूसरे कमरे में सोना पड़ता है।

mobile side effects

mobile side effects : रील देखने की आदत सोने नहीं देती

शक्ति नगर निवासी एक युवक की शिकायत है कि उसकी पत्नी को रील्स देखने की ऐसी आदत है कि वह देर रात तक रील्स देखती रही है, इसके कारण नींद पूरी नहीं हो पाती। समझाने पर वह नहीं मानती, इसके कारण उन्हें अब अलग कमरे में सोना पड़ता है।

mobile side effects : ऐसे केसेस जिनमें दपत्ति के बीच मोबाइल स्क्रीन की लत या फिर दोनों में से किसी एक को खर्राटे की समस्या होने के कारण तनाव और फिर अलग कमरों में सोने के हालात बन रहे हैं उनकी काउंसलिंग करते हैं, ताकि आपसी सामंजस्य बनाकर रहें। खर्राटे के मामलों में आवश्यक होने पर उपचार भी दिया जाता है। वहीं स्क्रीन की लत के मामले में उन्हें बेडरूम में स्लीपिंग हाइजिन का पालन करने कहा जाता है।

  • डॉ.ओपी रायचंदानी, मनोचिकित्सक, नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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