जिले में करीब 17 हजार छात्र परीक्षा में असफल रहे थे। इसमें कई छात्र ऐसे भी थे जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए बाद में सभी छात्रों को प्रमोट कर दिया गया।
No Detention Policy:शिक्षा मंत्रालय द्वारा नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश के लिए कड़ी मेहनत करना होगी। वर्तमान में जिले में करीब 72 हजार छात्र 5वीं और 8वीं में अध्ययनरत हैं। जिले में सालाना करीब 25 फीसदी छात्र ऐसे होते हैं जो परीक्षा में सफल नहीं हो पाते थे लेकिन फिर भी उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाता था। गत वर्ष ही जिले में करीब 17 हजार छात्र परीक्षा में असफल रहे थे। इसमें कई छात्र ऐसे भी थे जो परीक्षा में शामिल नहीं हुए बाद में सभी छात्रों को प्रमोट कर दिया गया।
अभी तक, स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एमपीबोर्ड के छात्रों को री-एग्जाम देने का अवसर दिया जाता था ताकि फेल होने के बाद भी अपनी पढ़ाई में सुधार कर पास हो सकें। अब छात्रों को री-एग्जाम देने का भी कोई अवसर नहीं मिलेगा।
पूर्व व्यवस्था के तहत, छात्र यदि परीक्षा में फेल हो जाते थे, तो भी उन्हें अगली कक्षा में पढ़ाई जारी रखने का अवसर मिलता था। लेकिन अब, नया निर्णय लागू होने के बाद, यदि छात्र कक्षा में पास नहीं होते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जिले में 5 वीं एवं 8 वीं कक्षा के अध्ययन से जुडे 2700 के लगभग स्कूल हैं। इनमें 72 हजार छात्र पढ़ रहे हैं। नई नीति के तहत अब शिक्षकों के साथ छात्रों को भी कड़ी मेहनत करनी होगी इससे स्कूल की रैकिंग भी प्रभावित होगी।