अगले चार दिन तक हल्की वर्षा होने की सभावना जताई, तापमान बढ़ा, उमस कर रही परेशान
weather : कोई मजबूत मौसम प्रणाली के सक्रिय ना होने से मौसम एक बार फिर बदल गया है। जबलपुर में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी पानी नहीं गिरा। हालांकि, काले बादलों की आसमान में मौजूदगी रही। बारिश नहीं होने से धूप खिली और तापमान के साथ उमस बढ़ गई।
मौसम विभाग के अनुसार चार दिन तक जबलपुर सभाग के जिलों में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है। वातावरण में नमी के चलते जबलपुर जिले के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की सभावना है। सितंबर अंत तक मानसून की विदाई हो सकती है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2 डिग्री अधिक था। रात का न्यूनतम तापमान 23.9 डिग्री दर्ज हुआ। यह सामान्य था। हवा में नमी 84 फीसदी दर्ज की गई। इसके चलते वातावरण में उमस बढ़ गई। सीजन में अभी तक कुल वर्षा का आंकड़ा 1081.4 मिमी (42.6 इंच) है।
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में, मानसून ट्रफ़ माध्य समुद्र तल पर दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान और संलग्न राजस्थान व कच्छ पर बने गहरे अवदाब के केंद्र से, कोटा, उरई, सीधी, रांची, दीघा होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व तक विस्तृत है। इस मानसून सीजन के अभी 21 दिन बाकी है। चार दिन से कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है। पितृपक्ष की शुरुआत से ही बारिश का दौर थमा है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मानसून सितंबर के आखिरी तक एक्टिव रह सकता है। इस दौरान करीब 5- 6 इंच तक बारिश की उमीद है।
बरगी बांध ललालब है। जल निकासी के लिए 5 गेट आधा मीटर खुले हुए हैं। जिनसे 670 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा तटों में जल स्तर सामान्य से बढ़ा हुआ है। बरगी बांध कंट्रोल रूम की टीम ने बताया कि कैचमेंट एरिया में बारिश की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर जल निकासी बढ़ाई या घटाई जा सकेगी।
बरगी बांध की फाउंडेशन गैलरी में असामान्य पानी के रिसाव ने रानी अवंती बाई परियोजना से जुड़ी तकनीकी टीम की चिंता बढ़ा दी है। तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार इससे नींव को नुकसान हो सकता है। रिसाव को रोकने के लिए ग्राउटिंग उपाय है। जिस पर विशेषज्ञों की टीम निर्णय लेगी। इसमें सीमेंट या रासायनिक मिश्रण को बांध की दरारों, खाली स्थान और नींव की चट्टान में डाला जाता है। यह विधि न केवल रिसाव को रोकती है बल्कि संरचना की मजबूती बढ़ाती है।