जगदलपुर

Weather Alert: प्राकृतिक आपदा में 1807 लोगों ने गंवाई जान, सांप के डसने से हर दिन दो की मौत

Weather News: आकाशीय बिजली, बाढ़, सर्पदंश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की वजह से सैकड़ों की संख्या में लोगों को जान गवानी पड़ी है। राजस्व विभाग के यह आंकड़े काफी भयावह हैं।

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Jul 27, 2024

Bastar Weather Alert: बस्तर संभाग में साल भर में प्राकृतिक आपदा ने 1807 लोगों की जान ली है। जिसमें सबसे अधिक 1009 लोगों की मौत डूबने से हुई है। राजस्व आंकड़ों के अनुसार हर दिन औसतन 4 लोगों की मौत हुई है। आकाशीय बिजली, बाढ़, सर्पदंश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की वजह से सैकड़ों की संख्या में लोगों को जान गवानी पड़ी है। राजस्व विभाग के यह आंकड़े काफी भयावह हैं। जिसके मुताबिक संभाग भर में 651 लोगों की जान सर्पदंश के चलते हुई हैं, इनमें 80 फीसदी मामले ग्रामीण इलाकों से हैं, जिन्हे समय पर उपचार नहीं मिल पाता है।

वहीं मानसून के दौरान अब तक आकाशीय बिजली के चपेट में आने से 58 लोगों की जान गई है। वहीं 120 ऐसे लोग भी हैं, जिनकी मौत अन्य प्राकृ़तिक कारणों के चलते हुई हैं। बस्तर संभाग में मानसून सीजन के दौरान आकाशीय बिजली गिरना, भारी बारिश, बाढ़ और सर्पदंश जैसी घटनाएं काफी बढ़ रही हैं।

वर्तमान समय में भी बस्तर संभाग के मानूसन के कहर से नदी, नाले उफान पर हैं, हर साल प्राकृतिक आपदाओं में सैकड़ों लोगों को बेवजह अपनी गवांनी पड़ती है। राजस्व विभाग की मानें तो अनुसार मौत के आंकड़ों में भी साल दर साल बढ़ रही हैं। प्राकृतिक आपदा के सामने किसी का बस नहीं चलता, पर सतर्कता से अपनी जान जरुर बचाई जा सकती है।

सर्पदंश से हो रही मौतें चिंताजनक

बस्तर संभाग में हर दिन सर्पदंश से औसतन 2 लोग मर रहे हैं। साल भर में 651 मौत लोगों की मौत का कारण सर्पदंश बना है। जिसमें बस्तर जिले में सबसे अधिक 175 मौत, दंतेवाड़ा में 108, कांकेर में 102, सुकमा में 81, कोण्डागांव में 75 और नारायणपुर में 13 मौत शामिल है। सर्पदंश से मौत के मामले हर विगत कुछ वर्षों से बढ़ हैं, जहरीले सर्प अब लोगों की जान ले रहे हैं। जिनकी संया में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मानसून के सीजन में सर्पदंश के अधिक मामले सामने आते हैं।

आपदा के 49 परिवार को सहायता राशि नहीं मिली

शासन के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं में परिवार के सदस्यों को सहायता राशि दी जाती है, जिसमें 49 प्रकरणों में परिसार के सदस्यों को सहायता राशि प्रदाय नहीं किया गया है। जिसमें कोण्डागांव जिले में 15 प्रकरण, सुकमा के 16 और बीजापुर के 18 प्रकरण शामिल हैं। जबकि बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर में एक भी प्रकरण लंबित नहीं है।

बस्तर जिले में साल भर में डूबने से 361 लोगों की मौत

राजस्व आंकड़ों के अनुसार विगत एक वर्ष के भीतर बस्तर जिले में 361 लोगों की डूबने से मौत हुई है। जिनमें नदी, तालाब में नहाने के दौरान गहरे पानी डूबने के दौरान लोगों की जान गई है। वहीं कांकेर में 181, कोण्डागांव में 162 और दंतेवाड़ा में 113 लोगों की पानी में डबने से मौत हुई हैं। संभाग भर में डूबने की वजह से मौत के सर्वाधिक आंकड़े बस्तर जिले के हैं।

Published on:
27 Jul 2024 12:07 pm
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