Jagdalpur News: बस्तर संभाग में अधोसंरचना विकास को गति देने के लिए लोक निर्माण विभाग लगातार काम कर रहा है। आरसीपीएलडब्ल्यूई योजना के तहत अब तक अंदरूनी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 311 नई सड़कों और 14 पुल का निर्माण मार्च 2026 किया जाना है।
CG News: बस्तर संभाग में अधोसंरचना विकास को गति देने के लिए लोक निर्माण विभाग लगातार काम कर रहा है। आरसीपीएलडब्ल्यूई योजना के तहत अब तक अंदरूनी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 311 नई सड़कों और 14 पुल का निर्माण मार्च 2026 किया जाना है। जिसमें अब तक 87 सड़को और 9 पुलों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। वहीं पर 236 सड़क और 5 पुल का का निर्माण प्रगति पर है। अंदरूनी गांवों तक पहुँची सड़क और पुल की सौगात मिलने से गांवों में विकास पहुँचेगा। बच्चों की पढ़ाई और किसानों की खेती, व्यापार को भी नई दिशा मिलेगी।
यह परियोजनाएँ बस्तर जैसे दुर्गम और भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि निर्माणाधीन कार्यों को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे ग्रामीण अंचलों को बेहतर सड़क और पुल की सुविधा मिलेगी, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेगी। बदलते बस्तर में ऐसे बड़े काम बदलाव का आधार बन रहे हैं।
जिलेवार- नई सड़क और पुलिया के कार्य पर एक नजर
बस्तर- 53 में से 51 सड़कें पूर्ण, 2 निर्माणाधीन
दंतेवाड़ा- 17 में से 14 सड़कें पूर्ण, 3 निर्माणाधीन
सुकमा- 46 में से 14 सड़कें पूर्ण, 32 निर्माणाधीन
बीजापुर- 17 में से 5 सड़कें पूर्ण, 12 सड़कें व 2 पुल निर्माणाधीन
कांकेर- 111 सड़कें और 7 पुल पूर्ण, 13 सड़कें और 3 पुल निर्माणाधीन
कोंडागांव- 69 सड़कें, 3 सड़कें निर्माणाधीन और 2 पुल पूर्ण
नारायणपुर- 10 में से 3 सड़कें पूर्ण, 7 निर्माणाधीन
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्यों के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है और भुगतान में किसी प्रकार की समस्या नहीं आएगी। ठेकेदारों को मानसून के बाद तीव्र गति से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि समयसीमा के भीतर सभी सड़क और पुल तैयार हो सकें।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन परियोजनाओं से बस्तर की तस्वीर बदल जाएगी। अभी तक कई अंदरूनी गांव बरसात के मौसम में शेष दुनिया से कट जाते थे। नई सड़कों और पुलों के निर्माण से अब उन गांवों तक भी सुगम आवागमन होगा। इससे किसानों को अपनी उपज बाजार तक पहुँचाने, बच्चों को स्कूल और कॉलेज तक जाने व मरीजों को समय पर अस्पताल पहुँचाने में बड़ी राहत मिलेगी।
ठेकेदारों को मानसून के बाद तीव्र गति से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि समयसीमा के भीतर सभी सड़क और पुल तैयार हो सकें। - जीआर रावटे, जोन के मुख्य अभियंता