CG News: उपभोक्ताओं की नाराजगी यह भी है कि पूर्व में वे किस्तों में भुगतान कर राहत महसूस करते थे, लेकिन अब उन्हें एकमुश्त भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ गया है।
CG News: बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर अब सुविधा के बजाय चिंता का कारण बन गए हैं। जगदलपुर और आसपास के जिलों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद उपभोक्ताओं को पहले की तुलना में दोगुना बिल मिल रहा है, जिससे वे आक्रोशित और असमंजस की स्थिति में हैं।
बिल की यह बढ़ोत्तरी कई उपभोक्ताओं को मीटर की तकनीकी गड़बड़ी लग रही है, जिसके चलते वे रोजाना बिजली कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब बिल स्वचालित सिस्टम से रीडिंग के आधार पर बनता है, जिसमें गड़बड़ी की संभावना नहीं है।
उपभोक्ताओं की नाराजगी यह भी है कि पूर्व में वे किस्तों में भुगतान कर राहत महसूस करते थे, लेकिन अब उन्हें एकमुश्त भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ गया है। साथ ही प्री-पेड सिस्टम लागू होने पर बिल रिचार्ज न होने की स्थिति में बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी, जो ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होगा।
जिले में कुल 2 लाख प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, जिनमें से अब तक लगभग 50 हजार मीटर ही लगाए जा सके हैं। शेष 1.5 लाख मीटर दिसंबर 2025 तक लगाने का लक्ष्य है। लेकिन जो उपभोक्ता पहले ही इस सिस्टम से जुड़े हैं, वे भारी बिलों से परेशान हैं।
सुभाष चंद्र, निवासी हिकमी पारा: स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल अचानक डबल हो गया है, जबकि बिजली खपत में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ। वहीं प्रदीप बैरागी ने कहा कि पिछले साल मई में जहां 900 रुपए का बिल आया था, इस साल 2200 रुपए का बिल आया है।
एच ध्रुव, सीएसईबी के कार्यपालन अभियंता: स्मार्ट मीटर में 1 से 31 तारीख तक की रीडिंग सिस्टम में स्वत: आती है, और उसी आधार पर बिल बनता है। उपभोक्ता पोर्टल पर लॉगिन कर खुद भी रीडिंग चेक कर सकते हैं। उन्होंने मीटर की गड़बड़ी से इनकार किया।
CG News: नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं को बिल किश्तों में जमा करने की सुविधा नहीं दी जा रही है। स्मार्ट मीटर से जुड़ी प्री-पेड प्रणाली के तहत जितना उपयोग होगा, उतने की तत्काल वसूली होगी। यह व्यवस्था गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के लिए बड़ी आर्थिक चुनौती बनती जा रही है।