CG Politics: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कांग्रेस और भाजपा पर कई गंभीर सवाल उठाए।
CG Politics: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बस्तर दौरे पर मंगलवार को पत्रवार्ता में बस्तर के ज्वलंत मुद्दों को उठाते हुए भाजपा और कांग्रेस सरकार पर जमकर कटाक्ष किया। पोलावरम, इंद्रावती प्राधिकरण, डीएमएफ, रोजगार, एनएमडीसी, नक्सवाल सहित कई मुद्दों को लेकर दोनों पार्टी को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर के नेता मालामाल हो रहे हैं और जनता बेहाल है।
अमित जोगी ने कहा वर्षों बाद छत्तीसगढ़ और ओड़िशा कें भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है और यही समय है कि दोनों राज्यों में लम्बे समय से जगदलपुर के इंद्रावती नदी के पानी को लेकर विवाद का समाधान किया जाए। बस्तर की आबादी के अनुसार इंद्रावती नदी से 250 टीमसी पानी प्रति वर्ष रिलीज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टी और संगठनों के द्वारा बस्तर पृथक की मांग की जा रही है।
बस्तरवासियों को लड़ाने का काम किया जा रहा है, जिस तरह अंग्रेजों की फुट डालो राज करो नीति अपनाया था। पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनएमडीसी की जमीन क़ो 27 करोड़ रुपए मे बेच दिया गया, विनिवेश क़ो रोकने का यही ब्रह्मासत्र था। केन्द्र सरकार के द्वारा 10 हजार करोड़ का मतलब तब होगा जब जगदलपुर को भारत माला से जोड़ा जाएगा।
रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा, बस्तर के युवाओं को ठगा जा रहा है। एनएमडीसी कंपनी बस्तर में आकर पैसे कमाने में लगी है और बस्तर के युवा बेरोजगार घुम रहे हैं। एनएमडीसी लगने से पहले 80 फीसदी स्थानीय युवाओं को नौकरी पर रखने की शर्त पर प्लांट लगाया था। परंतु बाहर के लोगों को भर्ती किया जा रहा है।
रोजगार न देकर उन्हें धर्म और जाति के नाम पर लड़ाया जाता है। इसके चलते बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर के हजारों युवा पलायन के लिए अन्य राज्यों में जाने को मजबूर होते हैं। इस पत्रवार्ता के दौरान संभागीय अध्यक्ष नवनीत चांद और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
CG Politics: किरन्दुल में आए बाढ़ को लेकर कहा कि जिनकी बाढ़ में जान गई है। उन्हें सरकार 50 लाख रुपए मुआवजा दें। किसानों के लिए बस्तर संभाग में 900 सिंचाई योजना क़ो मंजूरी के बाद भी आरम्भ नहीं किया गया। बीजापुर मे बांस कारखाना, कोंडागांव मे मक्का कारखाना की योजना हासिये पर है।
डीएमएफटी मद का पहले संभाग के सभी जिलो में विकास कार्य होता था, पर केन्द्र सरकार के द्वारा नियम में संशोधन किए जाने के बाद अब केवल 25 किलोमीटर तक कर दिया है। दंतेवाड़ा और किरंदुल खनिज से हुए डीएमएफटी आय का लाभ अब अन्य जिलों को नहीं मिल पाएगा।
डीएमएफटी का अधिकांश मद शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए उपयोग में लाया जाता था। 650 करोड़ रुपए मिलता था, वह बंद हो जाएगा। राज्य सरकार क़ो इस पर कड़ी से कडी आपत्ति दर्ज की जानी चाहिए।